सुप्रीम कोर्ट बनारस स्थानीय कोर्ट के फैसले पर रोक लगाए : मोहम्मदी यूथ ग्रुप
कानपुर,मोहम्मदी यूथ ग्रुप की एक बैठक खानकाहे हुसैनी कर्नलगंज में ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड की अध्यक्षता में हुई जिसमें बनारस स्थानीय कोर्ट के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में मस्जिद के वज़ू खाने में कथित शिवलिंग मिलने की बात पर ही उस स्थान को सील करने का आदेश देश का माहौल खराब करने का षड्यंत्र है। सुप्रीम कोर्ट इस संवेदनशील विषय को संज्ञान में लेकर बनारस की स्थानीय कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की।वक्ताओं ने कहा कि बनारस की स्थानीय आदालत ने सर्वे रिपोर्ट का इंतज़ार भी नही किया और वज़ू खाने को सील करने का आदेश देकर संविधान व कानून का मज़ाक बनाया है और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तो इतनी जल्दी में था कि उसने ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिर बनाने की घोषणा कर दी।
इखलाक अहमद डेविड ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में वज़ू करने के लिए बने पुराने फव्वारे के बीच में लगे पत्थर, जो कालांतर में टूट गया था को ही टूटा हुआ शिवलिंग बताकर अफवाह फैलायी जा रही है। देश में पुरानी मस्जिदों में इस तरह के फव्वारे और उसके बीच में ऐसे ही पत्थर लगे हुए है।1937 और 1942 के मुकदमों में किसी शिवलिंग की की मौजूदगी का ज़िक्र अदालत ने क्यो नही किया। ऐसे में आज सर्वे के नाम पर शिवलिंग मिलने की अफवाह फैलाकर 15 अगस्त 1947 की स्थिति को बदलने की गैर विधिक कोशिश की जा रही है। 1991 पूजास्थल अधिनियम कानून बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के संविधान की धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रही है।
सभी वक्ताओं ने एक स्वर में सुप्रीम कोर्ट से इस मामले को संज्ञान लेकर बनारस अदालत के फैसलें पर रोक लगाने की मांग की। बैठक के बाद खानकाहे हुसैनी में गुलपोशी कर अल्लाह से अपने हबीब के सदके मुल्क में अमनो अमान कायम रहने, नफरत फैलाने व फिरकापरस्त ताकतों को हिदायत देने मुल्क की खुशहाली की दुआ की।
बैठक में इखलाक अहमद डेविड, हाजी गौस रब्बानी, मोहम्मद शाहिद, जुबैर इदरीसी, मोहम्मद हफीज़, परवेज़ आलम वारसी, अफज़ाल अहमद, अल्ताफ अहमद, आफताब आलम, परवेज़ सिद्दिकी आदि लोग मौजूद थे।
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