ज्ञानवापी के बहाने हिंदू और मुसलमानों को लड़ाने की एक बड़ी साजिश - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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ज्ञानवापी के बहाने हिंदू और मुसलमानों को लड़ाने की एक बड़ी साजिश

 


कानपुर अपने तय कार्यक्रम के अनुसार कुल हिंद जमीअतुल आवाम उत्तर प्रदेश के तत्वधान में शहर काजी कानपुर के नेतृत्व में रूपम चौराहा स्थित गरीब नवाज गेस्ट हाउस मे बनारस स्थित ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण को लेकर माहौल खराब करने वाले लोगों पर कड़ी निंदा करते हुए  कहा कि ज्ञानवापी वाराणसी प्रकरण के बहाने हिंदू मुस्लिम के बीच दूरियां पैदा करने की एक बड़ी साजिश की जा रही है इसे धार्मिक रंग देकर मुल्क कि अमन और शांति भंग करने का पूरा प्रयास है इससे पहले बाबरी मस्जिद और राम मंदिर को लेकर भी देश के अंदर बहुत बड़ी सियासत की गई थी जिसमें लोगों की प्रापर्टी का बहुत नुकसान बड़ा हुआ मगर अफसोस बाबरी मस्जिद विध्वंस के आरोपी जिन्हें कोर्ट ने भी फैसले देते समय अंकित किया और माना कि ये आरोपी हैं मगर उन्हें आज तक सजा नहीं दी गई और एक नया विवाद उत्पन्न हो गया है इससे न्याय और न्याय के प्रति विश्वास और आस्था पर भी गहरी चोट लगती है और निष्पक्षता पर सवालियां निशान खड़ा होता है ।

शहर काजी कानपुर हज़रत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद साकिब अदीब मिस्बाही ने सवाल करते हुए कहा कि 1937 और 1942 सर्वे में ये कथित शिवलिंग जो आज सर्वे टीम को मिला है वहां मौजूद नहीं था अगर तब नहीं था तो आज कैसे मिल गया , वजू़खाने के फव्वारे को शिवलिंग की धारणा और आस्था मानकर वावेला मचाना मुसलमानों की आस्था के साथ ही खिलवाड़ नहीं बल्कि देश की सेक्युलरिज्म छवि  संविधान और समाजिक ढांचे पर भी एक जोरदार हमला है, मुल्क में हजारों मस्जिदें हैं जहां वजूखाने के फव्वारे लगे हैं इसका क्या मतलब है, राजनीति से बाज आकर हकीकी तसतावेज जो सैकड़ों सालों से मस्जिद दर्शा रहे हैं उसका काल्पनिक साक्ष्यों के सहारे स्टेटस तब्दील नहीं किया जा सकता ।


महामंत्री महबूब आलम खान ने कहा कि जिस तरह इस प्रकरण पर राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही हैं और संविधान व कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है हम इसकी कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं और केन्द्र सरकार व हुकूमते उत्तर प्रदेश  से मुतालबा करते हैं कि इन धार्मिक मामलों को गंभीरता से लेते हुए राजनीति करने वालों पर अंकुश लगाया जाए और मीडिया व सोशल मीडिया के भड़काऊ प्रोग्रामों पर बैंड लगाया जाए। इस मौके पर मुख्य रूप से शहर काजी मुफ्ती साकिब अदीब नयब काजी कारी सगीर आलम हबीबी महामंत्री महबूब आलम खान इस्लाम खान आजाद कारी अब्दुल मुतलिब कादरी अखलाक अहमद डेविड हाफिज अब्दुल रहीम मोहम्मद नसीम मौलाना गुलाम मुस्तफा मौलाना शाह आलम बरकाती मौलाना तहसीन रजा इस्लाम खान चिश्ती आदि लोग मौजूद रहे


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