दीन-ए-इस्लाम की हिकमत व तालीम बेमिसाल - फातिमा खातून - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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दीन-ए-इस्लाम की हिकमत व तालीम बेमिसाल - फातिमा खातून

 -अलहदादपुर के जलसे में नौ छात्राओं को मिली फजीलत व आलिमियत की सनद। 



गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।मदरसा जामिया कादिरिया तजवीदुल कुरआन लिल बनात अलहदादपुर में हुए औरतों के जलसे में छात्रा फरहीन फातिमा, अनीस फातिमा, अजीमा खातून, तैयबा खातून, नाजिया कादरी को फजीलत व शाहीन फातिमा, इशरत फातिमा, सबा खातून, सबीना खातून को आलिमियत की सनद सौंपी गई। खूब दुआओं व तोहफों से नवाजा गया।

मुख्य वक्ता आलिमा फातिमा खातून ने कहा कि ज़िंदगी के हर मैदान और शोबे के लिए दीन-ए-इस्लाम की हिकमत व तालीम बेमिसाल है। दीन-ए-इस्लाम की बुनियाद तौहीद, इबादत, सच्चाई, पाक दामनी और हया पर है। तमाम मुसलमान इन हिदायत पर अमल करें और पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नतों पर चलें। समाज का हर शख्स अपनी जिम्मेदारी अंज़ाम देते हुए जगह-जगह इस्लामी तालीमात को पहुंचाए ताकि दुनिया और आखिरत में कामयाबी हासिल हो सके और बातिल कुव्वतों को करारी शिकस्त मिले। दीन-ए-इस्लाम की पहली तालीम इल्म हासिल करना है। दीन के इल्म से ही दोनों जहां में बुलंद व आला मकाम मिलेगा।

अध्यक्षता करते हुए आलिमा महजबीं खां सुल्तानी ने कहा कि मकसदे ज़िन्दगी अल्लाह की बंदगी और अल्लाह व पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बताए हुए अहकाम के मुताबिक अपने आपको ढ़ालना है। मुसलमानों को इस्लाम के बताए रास्ते पर चलना चाहिए। बुराई को छोड़ना चाहिए। अच्छाई को अपनाना चाहिए। अपने बच्चों को दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम जरूर दिलाएं।दीन-ए-इस्लाम ने औरतों को काफी बुलंद मर्तबा अता किया है। बच्चियों को जिंदा दफ्न करने की पाश्विक प्रथा का खात्मा कर और बेवा से निकाह कर पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने औरतों को इज्जत के साथ जीने का हक दिलाया साथ ही बाप, शौहर व पुत्र की जायदाद में हिस्सा भी दिलाने का काम किया। वहीं पर्दा वास्तव में एक सुरक्षा कवच है, जो गैर मर्दो की बुरी नज़र से औरतों की हिफाजत करता है। दिल में खौफे खुदा पैदा करें। पाबंदी के साथ नमाज पढ़ें। शरीअत पर चलें। 

जलसे में मदरसे की छात्राओं ने नात, मनकबत पेश की। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर देश की तरक्की एवं खुशहाली के साथ ही पूरी दुनिया में अमन कायम रहने की सामूहिक दुआ मांगी गई। जलसे में गौसिया अंजुम, तरन्नुम फातिमा, तस्लीम फातिमा, कनीज फातिमा, सबीना खातून, सादिया खातून, महक फातिमा, मेहरुन्निसा, नूर अफ्शा खातून सहित बड़ी तादाद में औरतों ने शिरकत की।

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