आंवला वृक्ष का पूजन करके धन-धान्य, एश्वर्य की मंगल प्रार्थना - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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आंवला वृक्ष का पूजन करके धन-धान्य, एश्वर्य की मंगल प्रार्थना

 


गाेरखपुर, उत्तर प्रदेश कार्तिक शुक्ल पक्ष अक्षय नवमी पर आस्थावानों ने पूजन-अर्चन किया। आंवला का वृक्ष का फेरा व पौधा भी लगाया गया। कुछ स्थानों पर परिवार के साथ आंवला के वृक्ष भोजन बनाकर ग्रहण किया गया।  अधिकांश लोगों ने घर से व्यंजन पकाकर आंवला युक्त सामग्री का सेवन किया। पूजन करके सुख, समृद्धि व धन-धान्य, एश्वर्य की मंगल प्रार्थना किया। पर्व पर आंवला का पौधा भी लगाया गया। 

आंवले के वृक्ष की पूजा करके कुछ स्थानों पर धागा लपेट कर फेरी भी लगाई गई। घरों में दीप जलाकर आंगन में चावल की रंगोली संजी। पौराणिक कथाओं, महात्म व प्रचलित कथा से वृक्ष व फल के महत्व पर चर्चा की गई। आंवला फल, मुरब्बा आदि का सेवन किया। महिलाएं आंवला वृक्ष की पूजा करने निकलीं। सिंदूर, धूप-दीप अर्पण के बाद वस्त्र के रूप में वृक्ष में महिलाओं ने रक्षा बांध कर पेड़ की जड़ में जल अर्पित कर फलाहार का भोग लगाया। वृक्ष देवता को आमंत्रित करते हुए कहीं दिन में कहीं रात में भोजन बनाया। इसमें उपले दाल, खीर, आवंले की चटनी, लिट्टी -चोखा तैयार किया। घर-परिवार, पास-पड़ोस व सगे -संबंधी, ईष्ट -मित्र के साथ पूजन व प्रसाद ग्रहण करने में समरसता दिखी।

दुर्गा मंदिर जगन्नाथपुर में पं. राजकुमार शर्मा ने कहा कि आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने से पुण्य की प्राप्ति संभव है। आंवला वृक्ष के मूल में विष्णु, शीर्ष पर ब्रह्मा, तन में रूद्र, शाखा में मुनिगण, टहनियों में देवता, फूलों में मरूदगण, पत्ते में वसू, फल में समस्त प्रजातियों का वास होता है। आंवला को गुणकारी माना गया है , स्वास्थ्य रक्षा में सहायक होने के साथ वृक्ष व फल का वैज्ञानिक महत्व भी है। संघ की शाखाओं पर  समूह में प्रसाद ग्रहण किया गया। बच्चों ने कुछ समय के लिए पिकनिक भी मनाया।



                                                      

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