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डॉक्टर ऑफ फार्मेसी बनेंगे भारत सरकार में फार्मेसिस्ट स्वागत योग्य कदम डा सुनील यादव

 सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम फार्मेसिस्ट (एलोपैथिक) रिक्रूटमेंट रूल 2024 अधिसूचित 



 केंद्र सरकार द्वारा ' सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम फार्मेसिस्ट (एलोपैथिक) रिक्रूटमेंट रूल 2024' अधिसूचित कर फार्मेसिस्ट के पद पर नियुक्ति हेतु न्यूनतम योग्यता में बदलाव कर बैचलर फार्मेसी के साथ डॉक्टर ऑफ फार्मेसी (फार्म डी) को सम्मिलित किया है ।  CGHS फार्मेसिस्ट संघ और सभी साथियों को बधाई और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं । 


 भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य योजना में नई भर्ती नियमावली बनाई गई है, केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना,  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी नियमावली दिनांक 24 जून 2024 को  भारत के राजपत्र साप्ताहिक 11- 17 अगस्त अंक में अधिसूचित किया गया है । 

 पूर्व की भर्ती नियमावली के अनुरूप फार्मेसिस्ट भर्ती हेतु न्यूनतम योग्यता डिप्लोमा इन फार्मेसी और 2 वर्ष का अनुभव या बैचलर इन फार्मेसी निर्धारित थी ।  केंद्र सरकार द्वारा योग्यता में वृद्धि करते हुए नई नियमावली बनाई जिसमे डॉक्टर ऑफ फार्मेसी ( फार्म डी), और बैचलर फार्मेसी को न्यूनतम योग्यता बनाया गया । 

ज्ञात हो कि डॉक्टर ऑफ फार्मेसी 6 वर्षीय उच्च फार्मेसी शिक्षा है, जो भारत में फार्म डी विनिमय  वर्ष 2008 द्वारा संचालित की गई है। 

 चिकित्सा , स्वास्थ्य क्षेत्र में फार्मेसिस्ट की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है, अब आवश्यकता है कि उच्च योग्यता को आधार बनाकर स्वास्थ्य को सुदृढ़ किया जाए ।  ओपीडी के साथ इंडोर भर्ती मरीजों में भी फार्मेसिस्ट की

महत्वपूर्ण भूमिका है । विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार द्वारा क्लिनिकल फार्मेसी, फार्माकोविजिलेंस , फार्माकोथेरेपी प्रबंधन, औषधि और औषधीय सामग्री का प्रबंधन, प्रोक्यूरमेंट, वितरण, भंडारण, मरीजों की काउंसलिंग के साथ ही स्वास्थ्य सुरक्षा, रोगों से बचाव आदि में फार्मेसिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका निर्धारित की गई है । 

निश्चित ही उच्च योग्यता धारक फार्मेसिस्ट , डॉक्टर ऑफ फार्मेसी की नियुक्ति होने से स्वास्थ्य विभाग में विहंगम परिवर्तन दिखेगा । 

माननीय प्रधानमंत्री जी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी से यह  अनुरोध किया है कि कार्यरत फार्मेसिस्टो हेतु सेवाकाल में उच्च शिक्षा की व्यवस्था की जाए और कार्य अनुभव के आधार पर निर्धारित मानकों के अनुरूप प्रैक्टिकल डिग्री/ मास्टर/ डॉक्टरेट दिया जाए । 

मित्रों,

आप सभी सहमत होंगे कि इस संशोधन से संवर्ग को बड़ी सफलता मिली है , इससे सम्मान तो बढ़ेगा साथ ही वेतन आयोग और सरकार के समक्ष मजबूती से वित्तीय और प्रशासनिक  मांगें रखी जा सकेगी । 

डा सुनील यादव 

पूर्व चेयरमैन उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल अध्यक्ष फार्मेसिस्ट फेडरेशन


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