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कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी समारोह की पूर्व संध्या पर भव्य समारोह


 गाज़ीपुर समाजवादी आंदोलन के महानायक  सामाजिक न्याय के मसीहा पूर्व मुख्यमन्त्री कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी समारोह की पूर्व संध्या पर लंका मैदान गाजीपुर में आयोजित विशाल  समारोह में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पूर्वमन्त्री राम आसरे विश्वकर्मा ने कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता सपा  जिलाध्यक्ष गोपाल यादव तथा संचालन समारोह के आयोजक  कर्पूरी सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित ठाकुर ने किया।

मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पूर्वमन्त्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी व विशिष्ट अतिथि सपा राष्ट्रीय सचिव पूर्वमन्त्री राम आसरे विश्वकर्मा तथा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ लौटन राम निषाद थे।

इस अवसर पर आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए पूर्वमन्त्री राम आसरे विश्वकर्मा ने कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों को याद किया। 

पूर्वमन्त्री राम आसरे ने कहा कर्पूरी ठाकुर सच्चे समाजवादी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गरीबों पिछड़ों के मसीहा थे। बिहार जैसे सामन्ती राज्य में वह दो बार  मुख्यमंत्री एक बार उपमुख्यमंत्री कई बार विधायक व सांसद बने। वह सादगी के प्रतीक बेहद सरल स्वभाव तथा बेहद ईमानदार मुख्यमंत्री और घमंड न करने वाले राजनेता थे।मुख्यमंत्री रहने के बावजूद कर्पूरी ठाकुर रिक्शे से ही चलते थे क्योंकि उनकी जायज आय कार खरीदने और उसका खर्च वहन करने की इजाजत नहीं देती थी। समस्तीपुर के पितौझिया गांव के जिस कच्चे मकान में पैदा हुए आजीवन राजनीति की इतने बड़े बड़े पद पर रहने बाद भी वह अपना घर नहीं  बनायें उसी पुश्तैनी झोपड़ी वाले मकान में ही रहे।

ईमानदारी उनके राजनीतिक जीवन में कूट कूट भरी थी।उन्होंने गरीबों और पिछड़ों के लिये रास्ता दिखाया कि अगर ब्यक्ति में सच्ची लगन संकल्प शक्ति और संघर्ष की क्षमता है वह बड़े से बड़े पद तक पहुंच सकता है‌ कभी गरीबी और जाति उसके आगे बढ़ने में रूकावट नहीं आती।

मंडल कमीशन का गठन होने के पहले ही सन् 1977 में बिहार के मुख्यमंत्री रहते कर्पूरी ठाकुर ने पिछड़ों वर्गों को सरकारी नौकरी में आरक्षण लागू किया था। हालांकि उनको उस सामन्ती तबके और बड़ी जातियों की नाराज़गी और जातिसूचक शब्दों का अपमान भी  झेलना पड़ा था। डा लोहिया के बेहद नजदीक रहते हुए कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में राजनीति की दिशा बदल दी और पिछड़ों को सत्ता में पहुंचने का रास्ता दिखाया।आजीवन पिछड़ों और शोषितों के अत्याचार के खिलाफ लड़ते रहे। उन्होंने ने राजनीति को ही जनता की सेवा का माध्यम बनाया‌ जिसके कारण उन्हें जननायक कहा जाने लगा।


आज जब संविधान पर खतरा है लोकतंत्र को खत्म करने की साज़िश हो रही है पिछड़ों और दलितों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है और सरकार तानाशाही रास्ते पर चल रही है आज अगर कर्पूरी ठाकुर या माननीय मुलायम  सिंह यादव जी जिन्दा होते तो चुप नही बैठते और जनता को लेकर उनकी लड़ाई लड़ने के लिये सड़कों पर निकल जाते। उन्होंने ही बताया कि जनबल और सत्ता बल के संघर्ष में  हमेशा सत्ताबल पराजित होता है जनता बल जीतता है।


श्री विश्वकर्मा ने सभी लोगों का आह्वान किया कि आप सभी पीडीए की ताकत को मजबूत करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव जी की ताकत को मजबूत करें और लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताकर केन्द्र से भाजपा को हटाएं तथा अपने अधिकार सम्मान को बचायें रखें।


कार्यक्रम को राष्ट्रीय महासचिव माननीय स्वामी प्रसाद मौर्य लौटन राम निषाद विधायक बीरेंद्र यादव विधायक हरिकिशन साहू पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा पूर्व एमएलसी विजय यादव पूर्व जिलाध्यक्ष रामधारी यादव सुदर्शन यादव विनोद विन्द महेन्द्र चौहान आदि ने सम्बोधित किया।

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