बेलहर थाना प्रभारी ने मेला के स्थान का किया निरीक्षण . - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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बेलहर थाना प्रभारी ने मेला के स्थान का किया निरीक्षण .

 संतकबीर नगर के नंन्दौर -रूधौली मार्ग पर स्थित है राम- जानकी मंदिर ,राजघाट बाबा मोहकम दास स्थान      

           


                     

संतकबीर नगर:कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हजारों श्रध्दालु जनपद सहित गैर जनपद से आकर बूधा नदी के तट पर आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही यहाँ स्थित राम जानकी मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं।इस अवसर पर यहा भव्य मेला भी लगता है। आने वाले भक्तों की मुरादें पूर्ण होती हैं जिसके लिए प्रसाशन और पुलिस भी मुस्तैद रहते। थाना प्रभारी जीतेन्द्र कुमार यादव ने मेले के स्थान का निरीक्षण भी किया और कहा कि आने वाले दुकानदारों और श्रृद्धालुओ को किसी तरह की दिक्कत ना होने पाएं इसके लिए पुलिस कांस्टेबल और महिला कांस्टेबल भी तैनात रहेंगे ।


संतकबीर नगर जनपद के बेलहर ब्लांक में नन्दौर -रूधौली मार्ग पर स्थित राजघाट में आध्यात्मिक राम - जानकी मंदिर बसा हुआ है।जहां आस्था एक विशेष महत्व रखती है।कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा जमुना व अन्य तर्ज पर नदियों में स्नान करना पुण्य माना जाता है।जिसके चलते जनपद के साथ ही गैर जनपद के हजारों लोग गंगा स्नान करने के लिए हरिद्वार जैसे पवित्र स्थानों पर चले जाते हैं लेकिन इसके बावजूद हजारों लोग राजघाट में स्थित बूधा नदी पर पहुंच कर स्नान करते है और वहा स्थित राम जानकी मंदिर पर पूजा करते हैं। इसके लिए दो दिन पहले से ही प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी। ।


क्या है मान्यता-

 राजघाट में बूधा और आमी नदियों का तट पर बाबा मोहकम दास की तपस्थली के नाम से भी जाना जाता है। क्षेत्र के बुजुर्गो के अनुसार आज से लगभग तीन सौ वर्ष पहले बाबा मोहकम दास ने पेड के नीचे बैठकर कर साधना की थी।इतना ही नही वह ईश्वरीय चमत्कार के लिए भी जाने जाते थे।महंत जी ने बताया बाबा मोहकमदास ने अपने तपोबल से भगवान श्रीराम और माता सीता का आर्शीवाद प्राप्त किया था और आर्शीवाद में उन्होंने अयोध्या का थोडा अंश राजघाट के लिए मांगा था तब से यहा श्रीराम और मां जानकी की पूजा होती है।इसलिए इस स्थान को लोग अयोध्या जितना ही पवित्र मानते हैं।और अयोध्या मे जिस जिस समय पर मेला लगता है यहा भी उसी समय पर लगता है।

राजघाट मेले में काफी दुकानदार और सरकस पार्टी भी पहुंच चुके हैं 

राजघाट में आधी रात से ही स्नान और दान की प्रकिया शुरू हो जाती है और सुबह होते होते यह विशाल मेले में परिवर्तित हो जाती है।इतना ही नही यहा प्रवर्चन और धार्मिक अनुष्ठान भी आधी रात से ही शुरू हो जाते हैं।मेले की तैयारियां यहां सप्ताह भर पूर्व से ही चल रहा है।एक सप्ताह से यहा संगीत पार्टिया,दुकानदार ,सर्कस आदि के लोग अपना ब्यवस्था बनाने मे लगे रहें। जल्द एक दिवसीय भव्य मेले के साथ समापन हो जाएगा। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कमर कस ली है।

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