85 की उम्र में भी जिम्मेदारी निभाने के हौसले को बारंबार नमन
लखनऊ ये बाबा, उम्र 85साल, चौथी गली,निशात गंज लखनऊ के रहने वाले हैं। इस उम्र में चना जोर गरम बेचते हुए एक युवक ने देखा तो रहा नहीं गया... पास जाकर पूछा तो फूलती हुई सांस के साथ बताया कि घर के सभी सदस्य एक एक करके अब नहीं रहे, आंख पर मेहनत और जिम्मेदारी के पसीने की कुछ बूंदें भी दिखाई दे रही थी बड़ी मर्म आवाज से उन्होंने बताया कि उनपर तीन छोटी बच्चियों की जिम्मेदारी है। तबियत ठीक नहीं रहती जिसके कारण लगातार नहीं निकल पाने से तीन दिन से घर में खाना नहीं बना। घर पर रहने से तो कुछ होगा नहीं इसीलिए आज साईकिल उठाकर चने बेचने निकल पड़े। बोले अभी बोहनी भी नहीं हुई है...पता नहीं कितना सच था उनकी बातों में पर उनकी ये हालत देखी नहीं गई...युवक ने उनसे चना जोर गरम लेकर, अपनी सामर्थ्यनुसार उनकी थोड़ी मदद करनी चाही तो उनके मुख से अनायास निकल पड़ा कि दाम से ज्यादा लेने की लत पड़ जाएगी, और ना करते हुए भी उस अंजान व्यक्ति ने उनकी जेब में कुछ डाल ही दिया। पर वो ज्यादा से ज्यादा उनके यहां आज का खाना बनवा देगी...नंबर माँगने पर बोले कि बेटा खाने को नहीं है तो फोन कहाँ से होगा???ऐसे ईमानदार मेहनतकश बुजुर्ग को आप इंदिरा नगर, निशातगंज, गोमती नगर में साईकिल पर जाते चना जोर गर्म बेचते देख सकते हैं।
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