सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के आख़िरी नबी हैं मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी
कानपुर हुजूर रहमतुल्लिल आलमीन मुहम्मद अरबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के आख़िरी नबी हैं। पैग़म्बर स0अ0व0 का व्यक्तित्व व कही गईं बातें क़यामत (प्रलय के दिन) तक सुरक्षित है। ख़त्मे नुबुव्वत का अकी़दा (आस्था) बिना व्याख्या एवं कमी-ज़्यादती के दीन (धर्म) की ज़रूरतों में से है। ख़त्मे नुबुव्वत की हिफाज़त के लिए हर समय तैयार रहने की ज़रूरत है। इस पर समस्त मुस्लिम समुदाय की एकराय से सहमति है, जो शुरूआती दौर से आज तक चली आ रही है। उसी तरह हज़रत मुहम्मद रसूलुल्लाह स0अ0व0 के बाद नुबुव्वत के दावेदार की नुबुव्वत के मंच पर क़दम रखने की गुस्ताखी भी बर्दाश्त करने के क़ाबिल नहीं। खत्मे नुबुव्वत और हदीसों के खिलाफ उठने वाले फित्नों को समझाने के लिए दिनांक 06 नवम्बर दिन रविवार रात 8 बजे से रजबी ग्राउण्ड परेड में वृहद स्तर पर ‘‘तहफ्फुज़ खत्मे नुबुव्वत व तहफ्फुज़े हदीस कान्फ्रेंस’’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कुरआन व सुन्नत के माहिर उलमा ए किराम तश्रीफ ला रहे हैं। पत्रकारों को कान्फ्रेंस की जानकारी देते हुए मौलाना अब्दुल्लाह ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता दारूल उलूम देवबन्द के कुलपति (मोहतमिम) और शेखुल हदीसमौलाना मुफ्ती अबुल क़ासिम नोमानी करेंगे।
मौलाना ने कहा कि परेड ग्राउण्ड में होने वाली कान्फ्रेंस की तैयारियां ज़ोर व शोर से जारी हैं, कान्फ्रेंस में जमीयत उलेमा के नगर अध्यक्ष डा.हलीमुल्लाह खां, मौलाना नूरूद्दीन अहमद क़ासमी, मौलाना मुहम्मद अकरम जामई, मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी, क़ारी अब्दुल मुईद चौधरी, मौलाना अन्सार अहमद जामई के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे।
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