लखनऊ में सदभावना संसद में नफरत को प्रेम में बदलने का संकल्प सभी धर्मावलाबियों लिया - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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लखनऊ में सदभावना संसद में नफरत को प्रेम में बदलने का संकल्प सभी धर्मावलाबियों लिया

 


लखनऊ  जमीयत सदभावना मंच ज़िला जमीयत लखनऊ की ओर से आज यू पी प्रेस क्लब में देश भर के सभी संप्रदाय के धर्म गुरुओं ने आज एक खूबसूरत और रंगा रंग माहोल में सद्भावना संसद में  देश में फैल रही नफरत को मोहब्बत में बदलने का वचन लेते होय इस तरह के कार्यक्रम को बहुत उपयोगी बताया ।,

अयोध्या से आए महंत जन्मेजय महराज , जमीयत उलेमा के मौलाना हकीमुद्दीन कासमी , ईसाई समुदाय से पास्टर मॉरेस , भंते ज्ञान लोक , जस्टिस बी डी नकवी, पूर्व आई जी आफताब खान , सैयद आरिफ मिया कादरी  , पंडित कृष्णमोहन महाराज , अतहर नबी , पंडित उत्तम शर्मा , डॉक्टर दुर्फिशा चांदनी ,मौलाना अरशद नदवी , मौलाना कौसर वा मौलाना अब्दुल्ला उसामा  ने  कहा कि देश में बढ़ रही संकीर्णता वादी, वा  उन्मादी सोच जो धार्मिक कट्टरता से पनप कर सांप्रदायिक ता की ओर बढ़ रही है । जिसने ने देश को राष्ट्र और अंतर राष्ट्र स्तर पर उसकी  छवि को धूमिल किया , जो विकास के मार्ग पर एक बड़ी रुकावट है।  वक्ताओं ने कहा विविधताओं से भरा देश  जहां अ सीक्छा , गरीबी , बेरोजगारी हो वहां प्रस्पर सहयोग एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में सदभावना के माध्यम से ही इसका समाधान  निकाला जासकता। 

आवश्यकता इस बात की है सरकार बारीकी से इसका अवलोकन करे उसके निदान हेतु अल्पकालीन दीर्घकालीन योजना तैयार करें  । इन प्रयासों के माध्यम से सामाजिक समरसता एवं परस्पर सहयोग का वातावरण निर्मित किया जा सकता है। वक्ताओं ने कहा कि सरकारी कार्यवाही के साथ ही हमे भी अपनी ज़िमेदारी को समझते हुए नफरत को मोहब्बत में बदलने का हर संभव प्रयास करना होगा , तभी हम सद्भावना के लक्ष  को प्राप्त करसकते है जिस के लिए जन जागरण जरूरी है।

इस अवसर पर  जमीयत सदभावना मंच ने एक 10 नुकाती  प्रस्ताव पारित किया जिस में  को सभी दर्मावलंबी  के अलावा  भीड़ ने  भी हाथ उठा कर उस प्रस्ताव का  अनुमोदन किया । कार्यक्रम का आरंभ  अशोक चक्र धर की कविता  सद्भावना को मिथलेश लखनवी द्वारा प्रस्तुत किया संचालन महा सचिव डॉक्टर कुद्दुस हाशमी ने किया ।सभा का समापन राष्ट्र गान से हुआ ।सभा में लखनऊ के अलावा पड़ोसी जिलों से गर्मान्य लोग बड़ी संख्या में शरीक हुए।

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