कानपुर के सरकारी डॉक्टरों का एक बार फिर अमानवीय चेहरा आया सामने,गंभीर घायल मरीज को नहीं किया भर्ती-शिवमंगल सिंह - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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कानपुर के सरकारी डॉक्टरों का एक बार फिर अमानवीय चेहरा आया सामने,गंभीर घायल मरीज को नहीं किया भर्ती-शिवमंगल सिंह

 


आम जनता जहां डाक्टरों को भगवान के रूप में देखती है, वही एक बार नहीं सैकड़ों बार डॉक्टरों का अमानवीय चेहरा जनता के प्रति सामने आ चुका है, ऐसा ही अमानवीय चेहरा कानपुर के सरकारी डॉक्टरों का एक बार फिर सामने आया है, जिसमें बस दुर्घटना में गंभीर घायल प्राइवेट कंडक्टर जो कानपुर नगर के तीन तीन सरकारी अस्पतालों में छह घंटे घूमता रहा, परिजन भर्ती करने हेतु विनती करते रहे, परंतु किसी भी डॉक्टर को जिंदगी व मौत से जूझ रहे घायल पर तरस ना खा कर जहां अपने असली कर्तव्य से विमुख हुए वही इंसानियत और मानवता को भी तार तार किया। जिससे दुखी होकर परिवारीजनों ने मजबूरी के तहत प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया जहां घायल का अधिक रक्त स्राव होने के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों के इस अमानवीय कृत्य से आहत होकर डॉक्टरों पर कार्रवाई हेतु परिजन ऑपरेशन विजय कार्यालय पहुंचकर ऑपरेशन विजय प्रमुख से हस्तक्षेप करने हेतु अनुरोध किया, जिस पर ऑपरेशन विजय प्रमुख शिवमंगल सिंह आईपी ने सख्त कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री व उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जी सहित कानपुर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर के प्राचार्य प्रोफेसर संजय काला जी को पत्र लिखकर इंसानियत और मानवता को कलंकित करने वाले डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई हेतु मांग की।

     उपरोक्त जानकारी देते हुए, ऑपरेशन विजय प्रमुख शिवमंगल सिंह आईपी ने कहा कि अमर सिंह के बस दुर्घटना में घायल मामले पर कानपुर नगर के तीन तीन अस्पतालों ने जो भर्ती ना कर मानवीय कार्य किया है, वह पूरे सरकारी तंत्र एवं समाज के लिए कलंक है, और ऐसा पहली बार नहीं बल्कि कानपुर के सरकारी डाक्टरों द्वारा कई बार किया जा चुका है। परंतु उन पर कठोर कार्रवाई ना होने के कारण इस तरह की घटनाएं लगातार कानपुर के सरकारी डॉक्टर दोहरा रहे हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है।

   साथ ही उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के प्रमुख एवं घायल के पिता मोहनलाल ने हमें जो प्रार्थना पत्र दिया गया है, उसमें उन्होंने बहुत ही दुखी होकर कानपुर के सरकारी डाक्टरों पर बहुत ही गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने लिखा है, कि मैं ग्राम- घुरवाखेड़ा, जिला- कानपुर नगर उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हूं, हमारा बेटा अमर सिंह बहुत ही कम मासिक तनख्वाह पर प्राइवेट बस में कंडक्टर की ड्यूटी करता है, जो दिनांक 25 जून 2022 को बस रामादेवी से बकेवर लेकर जा रहा था। जहां कुरई गांव (निकट साढ़) में सड़क चौड़ीकरण हेतु पड़ी हुई मिट्टी में बस धंस गई और पलट गई। बस पलटने के कारण मेरा बेटा बस के नीचे आ आकर बहुत ही ज्यादा घायल हो गया, जिस पर वहां उपस्थित लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचित किया, पुलिस ने हमारे बेटे को बस के नीचे से निकलवाकर एंबुलेंस द्वारा पास के भीतरगांव सरकारी अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने हालत खराब होने के कारण कानपुर हैलट में रेफर कर दिया। जब हम लोग बेटे को लेकर हैलट पहुंचे तो वहां के डॉक्टरों ने कोई भी इलाज किए बिना हमें टरका कर हृदय रोग संस्थान कार्डियोलॉजी ले जाने को कहा, जबकि कार्डियोलॉजी में भेजने का कोई औचित्य नहीं था, क्योंकि बेटे को घायल होने के कारण बहुत ही तेजी से खून निकल रहा था, परंतु उन्होंने भर्ती करने की वजाय कार्डियोलॉजी में ही ले जाने की जिद करते रहे, जब हम मजबूरन बेटे को कार्डियोलॉजी लेकर पहुंचे तो वहां भी उन्होंने भर्ती नहीं किया। जिसके लिए हम व हमारा पूरा परिवार डॉक्टरों से भर्ती करने हेतु विनती करते रहे परंतु किसी का भी दिल नहीं पसीजा। अंत में रात्रि 9:00 बजे तक कोई रास्ता ना दिखाई देने पर रामादेवी स्थित रामादेवी मेडिकल सेंटर प्राइवेट लिमिटेड में ले जाकर भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है। 3:00 बजे से 9:00 बजे तक कोई उपचार न मिलने के कारण हमारे बेटे का अत्याधिक रक्त स्राव हो गया, जिसके कारण उसको दो बोतल रक्त वहां चढ़ाया गया व रामादेवी मेडिकल सेंटर के डॉक्टरों ने कई प्रकार के टेस्ट लिखे हैं, और सर्जरी करने हेतु कहा है, जिसे हमारी आर्थिक स्थिति अति खराब होने के कारण कराया जा पाना संभव नहीं है, जिसके लिए हमारी आपसे हाथ जोड़कर विनती है, कि हमारे गंभीर अवस्था में घायल बेटे का बिनती करने के बावजूद 6 घंटे में 3-3 सरकारी अस्पतालों द्वारा भर्ती ना कर जो अमानवीय व्यवहार हम लोगों के साथ किया गया उसमें जिम्मेदार डॉक्टरों एवं कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही करवाने के साथ-साथ हमारी खराब आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमारे बेटे की जान बचाने हेतु अपने इस्तर से इलाज की व्यवस्था करवाने की कृपा करें। जिसके लिए हम व हमारा परिवार हमेशा आपका ऋणी रहेगा जिस पर हमने अपनी राष्ट्रीय महासचिव एडवोकेट प्रियंका यादव को पीड़ित परिवार की हर संभव सहायता एवं दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई करने हेतु लगाया है, जो लगातार वरिष्ठ संबंधित अधिकारियों एवं पीड़ित परिवार से संपर्क कर हर संभव सहयोग व कार्रवाई करवाने हेतु कार्य कर रही हैं।


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