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पांच साल में सात बार, टीका न छूटे एक भी बार

 


संतकबीरनगर, मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ इन्‍द्रविजय विश्‍वकर्मा ने बताया कि पांच साल में सात बार, टीका न छूटे एक भी बार के स्लोगन के साथ मिशन इंद्रधनुष 4.0 का दूसरा चरण शुरू हो गया है । यह अभियान 13 अप्रैल तक चलेगा और इसमें नियमित टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती के टीकाकरण पर जोर होगा । स्वास्थ्य विभाग 12 प्रकार के टीके सभी सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) पर प्रत्येक बुधवार व शनिवार को निःशुल्क उपलब्ध करवाता है । इन सत्रों के दौरान जिन बच्चों और गर्भवती को टीका नहीं लग पाया है, उन्हें आशा कार्यकर्ता ढूंढ कर मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण का लाभ दिलवाएंगी ।

यह बातें सीएमओ डॉ विश्‍वकर्मा ने मिशन इन्‍द्रधनुष 4.0 के दूसरे चरण शुभारंभ के दौरान कहा। उन्‍होने बताया कि अभियान के तहत 1366 सत्र आयोजित किये जाएंगे जिनमें दो वर्ष तक के 3926 बच्चों को टीका लगेगा । इसी प्रकार 1176 गर्भवती का टीकाकरण भी किया जाएगा । अभियान का शुभारंभ प्रत्येक सरकारी अस्पताल से किया गया है । सरकारी अस्पताल का टीका सुरक्षित और असरदार है । इसे गहन निगरानी में कोल्ड चेन में रखा जाता है । ऐसे में लोगों को चाहिए कि इस सेवा का लाभ लें और अपने बच्चों व गर्भवती को गंभीर बीमारियों से बचाएं।

सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद पर टीकाकरण कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान ने बताया कि नियमित टीकाकरण 12 प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, टीटनेस, मिजिल्स, परट्यूटिस (काली खांसी), रूबेला, जेई (दिमागी बुखार), निमोनिया, वायरल डायरिया और  हीमोफिलस इंफ्लूएंजा से बचाने में टीकों की भूमिका अहम है। जहां निजी अस्पतालों में इन बीमारियों से बचाव के लिए महंगे दामों पर टीके लगवाने पड़ते हैं वहीं सरकारी अस्पतालों में यह टीके पूरी तरह से निःशुल्क हैं ।

खलीलाबाद के स्‍टेशनपुरवा निवासी सुगंधा ने अपने साल भर के बच्‍चे धैर्य का टीकाकरण करवाया । टीकाकरण सत्र के दौरान वह बच्ची को टीका लगवाती हैं । टीका लगवाने के बाद कभी-कभी बुखार होता है तो एएनएम की मदद से दवा मिल जाती है जिसे बच्ची को खिलाती हैं और बुखार ठीक हो जाता है । तितौवा की प्रियंका ने भी अपने बच्‍चे अवि को बीसीजी का भी टीका लगवाया।

इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान, खलीलाबाद सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के अधीक्षक राधेश्‍याम यादव, बीसीपीएम महेन्‍द्र तिवारी, जिला वैक्‍सीन मैनेजर सुशील कुमार मौर्या, बीपीएम अभय त्रिपाठी,  प्रतिरक्षण अधिकारी दिनेश कुमार मिश्रा, एएनएम श्रीमती इथिलेश यादव, चीफ फार्मासिस्‍ट एसपी पाण्‍डेय, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर पी मौर्या के साथ ही साथ अन्‍य लोग उपस्थित रहे।

*यह निःशुल्क टीके हैं आवश्यक*

•             बच्चे के जन्म पर बीसीजी, हेपेटाइटिस बी एवं पोलियो की जीरो डोज लगेगा
•             बच्चे के डेढ़ महीने का होने पर पेंटावैलेट एक, ओपीवी एक, एफआईवीपी एक, रोटा एक एवं पीसीवी एक लगेगा
•             बच्चे के ढाई महीने का होने पर पेंटावेलेट दो, ओपीवी दो और रोटा दो लगेगा
•             बच्चे के साढ़े तीन महीने का होने पर पेंटावेलेट तीन, ओपीवी तीन, एफआईपीवी दो, रोटा तीन एवं पीसीवी दो लगेगा
•             बच्चे को नौ से बारह महीने की उम्र में एमआर एवं जेई पहला टीका, पीसीवी और विटामिन ए देंगे।
•             16 से 24 माह की उम्र में बच्चे को एमआर, जेई, डीपीटी, ओपीवी और विटामिन ए हर 6 माह पर 5 साल तक देंगे।
•             बच्चे को पांच से छह साल की उम्र में डीपीटी दो लगेगा
•             बच्चे को 10 साल की उम्र में टीडी का टीका लगेगा
•             बच्चे को 16 साल की उम्र में टीडी
•             गर्भवती को टीडी का टीका लगता है ।

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