भ्रष्टाचारियों की सरदार बनी सरकार
गोरखपुर। सीएम सिटी गोरखपुर में क्रमवार भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा लगातार 188 दिनों से सत्याग्रह संकल्प पर शासन प्रशासन की अनदेखी से उजागर हो रहा है कि शासन प्रशासन का भ्रष्टाचार में चोली दामन का साथ है। ऐसे में प्रदेश के मुखिया का आए दिन भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का नारा भ्रष्टाचार से पीड़ित आम नागरिकों की दर्द का नासूर बना हुआ है। यह बात समझ से परे है कि भ्रष्टाचार में मश्गूल प्रशासकीय तंत्र का संरक्षण व उत्साह वर्धन करने के लिए शासकीय तंत्र समर्पित क्यों है? ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश के मुखिया को आम नागरिकों को भ्रष्टाचार का शिकार बनाने की आदत हो चुकी हैं। वरना सीएम के गृह नगर में खूंखार आदमखोर दरिंदों की भांति भ्रष्ट लोक सेवक लोक कल्याण निधि को अपने भ्रष्टाचार का आहार बनाने की आदती न होते। ऐसे भ्रष्ट शासकीय तंत्र को अंग्रेजी दासता से सीख लेनी चाहिए कि जब जुल्म की इंतहा पार करती है तो तानाशाह शासकों को जन सामान्य के कोप भोजन का शिकार होना पड़ता है।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्रा, अनूप शुक्ला, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर, योगेन्द्र कुमार मिश्रा एडवोकेट महामंत्री जिला कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन, डी एन सिंह ठेकेदार जन कल्याण समिति लखनऊ के प्रदेश उपाध्यक्ष, रामनिवास गुप्ता, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, राजेश शुक्ला अधिवक्ता कमिश्नरी बार गोरखपुर, अनूप कुमार मिश्रा एडवोकेट स्नेहा मिश्रा एडवोकेट दीवानी कचहरी गोरखपुर विरेन्द्र कुमार वर्मा, विरेन्द्र राय, जिला मंत्री रामचन्दर दूबे, जिला संयोजक राजमंगल गौर, जिला मीडिया प्रभारी शशी कांत, नानू अंसारी, बृजराज सैनी, संतोष गुप्ता, संजय गुप्ता, इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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