सन्त कबीर नगर में तेंदुए का आतंक जारी
सन्त कबीर नगर धर्मसिंहवा जनता इंटर कॉलेज धर्मसिंहवा में तेंदुए के आने के साथ ही बच्चों और शिक्षकों में दहशत फैल गई। कुछ बच्चे तो पहले ही भागकर निकल लिए। लेकिन तब तक तेंदुआ कक्षा छह के कमरे के करीब पहुंच गया। उसको करीब आता देख शिक्षकों ने तत्काल कमरे का दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया। दरवाजा बंद होने के बाद तेंदुआ वहीं बाहर बैठ गया। वन विभाग के कर्मचारी भी उसके आगे लाचार हो गए। वहीं दूसरी ओर अंदर कमरे में बच्चे में डर से परेशान रहे और चीखना चिल्लाना शुरू कर दिए। कमरे के अंदर मौजूद शिक्षक और शिक्षिकाओं ने सभी को बल देते हुए शांत कराया। लेकिन शिक्षक खुद भी दहशत में रहे। जब वन विभाग के जिम्मेदार तेंदुए को पकड़ने में फेल नजर आए तो विद्यालय परिवार और ग्रामीणों ने बच्चों को बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया।
करीब एक घंटे के बाद कमरे के पीछे से खिड़की को तोड़ना शुरू किया गया। काफी मशक्कत कर लोगों ने पीछे की खिड़की तोड़कर निकाला तो बच्चे वहां से बाहर निकले। बाहर निकलते ही रोते-चिल्लाते बच्चे सीधे अपने घर का रुख कर दिए। बच्चों में दहशत थी कि कहीं तेंदुआ कॉलेज से निकल कर बाहर न आ जाए। इस कारण बच्चे सीधे अपने घर को रवाना हो गए। बच्चों के अभिभावक भी बाहर उनका इंतजार कर रहे थे। बच्चों ने कहा कि जब तेंदुआ कॉलेज के अंदर घुसा तो उस समय पढ़ाई चल रही थी। शोकर सुन हम लोग डर गए। कमरे से बाहर निकलते कि तभी सामने तेंदुआ दिख गया और हम लोग डरकर दरवाजा बंद कर लिए। बच्चों ने कहा कि पहली बार इतनी करीब से तेंदुए को हम लोगों ने देखा तो दहशत में आ गए। विद्यालय प्रबंध तंत्र और शिक्षक भी काफी परेशान रहे।
आस-पास के गांवों में भी फैल गई दहशत
तेंदुए के आने की खबर इस तरह फैली कि हर कोई दहशत में आ गया। खेतों से लोग घर की ओर चल दिए तो कुछ लोग कॉलेज के बाहर पहुंचकर तेंदुए की गतिविधि पर नजर रखने लगे। बच्चों को लोगों ने घरों में कैद कर दिया। जिससे यदि तेंदुआ गांव की तरफ आए तो कोई जनहानि न होने पाए। हर कोई अपने घरों में बंद रहा। पुरुष वर्ग के लोग सुरक्षा के दृष्टि से मुस्तैद रहे।
स्कूल के बगल झाड़ियों के कारण पहुंचा तेंदुआ
यदि स्कूल के बगल में झाड़ी नहीं होती तो तेंदुआ वहां न छिपता और न फिर स्कूल परिसर में प्रवेश ही कर पाता। किसान पर हमला करने के बाद तेंदुआ सीधे झाड़ियों में पहुंच गया। वहां उसकी तलाश के लिए वन कर्मी पहुंचे तो वह स्कूल की ओर बढ़ गया। स्कूल की बाउंड्री की काफी नीचे है, इसे वह आसानी से कूद कर अंदर चला गया।
बड़ी घटना टल गई
स्कूल में पढ़ रहे बच्चे तेंदुए के हमले से बाल-बाल बचे। नहीं तो बड़ी घटना हो सकती थी। हर तरफ लापरवाही ही रही। गनीमत यही रहा कि जिस कमरे में बच्चे बैठे थे उसमें दरवाजा लगा था और बच्चों ने उसे बंद कर लिया। अन्यथा छोटे बच्चे इतने डर गए थे कि तेंदुआ कई लोगों को घायल कर देता खबर लिखे जाने तक अभी तेंदुआ नहीं पकड़ा गया जिले आला अधिकारी मौके पर पहुंचने की उम्मीद है
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