एनटीईपी के कर्मचारी अपनी उपेक्षा से आहत होकर काम बंद करने को मजबूर -सुनयना अरोड़ा - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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एनटीईपी के कर्मचारी अपनी उपेक्षा से आहत होकर काम बंद करने को मजबूर -सुनयना अरोड़ा

हाटा, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश एनएचएम संविदा के सबसे पुराने एवं प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के वरीयता प्राप्त एनटीईपी के कर्मचारी अपनी उपेक्षा से आहत हो तालेबंदी एवं सड़कों पर उतरने को मजबूर है।

उक्त बातें टीबी कंट्रोल इम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्षा सुनयना अरोड़ा ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही। उन्होंने कहा कि 2019 में हुई हड़ताल के बाद विभागीय बैठक में पूर्व मिशन निदेशक ने इस बात पर अपनी सहमति दी थी कि 25 वर्ष पुराने इस कार्यक्रम में कार्य कर रहे कर्मचारियों को अतिरिक्त लायल्टी बोनस का प्रपोजल केंद्र सरकार को भेजा जायेगा तो आज तक कई बार पत्र व्यवहार करने के बाद भी अधिकारीयो की मनमानी के चलते नही भेजा गया जिससे प्रदेश भर में कार्यरत टीबी कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।महामंत्री अमित तोमर ने बताया की राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम में वर्ष 2013 में मूल वेतन बढ़ा था,तबसे सिर्फ़ वार्षिक आंशिक लाभ ही दिया गया है और टीबी के कई सँवर्गो का वेतन बहुत ही कम है जिससे जीवन यापन भी कठिन है और उसपर हज़ारों पद रिक्त है और पिछले कई वर्षों से नियुक्तिया लम्बित है और उन हज़ारों रिक्त पदों का काम भी बिना किसी अतिरिक्त लाभ दिये इन्ही कर्मचारियों से लिया जा रहा है । कम वेतन और अत्यधिक कार्य तथा अधिकारियों की उपेक्षा से कर्मचारियों काफी क्षुब्द है।संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष आशुतोष मिश्र ने कहा कि टीबी के कर्मठ कर्मचारियों ने कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर पूरे प्रदेश में अग्रणी भूमिका निभाई और लोगों की जान बचायी। इस दौरान हमारे कई साथी इस महामारी से लड़ते हुये काल कवलित हो गये।जान गवाने वाले उन साथियों को अभी तक प्रधानमंत्री द्वारा घोषित बीमा राशि भी नही मिली है।ऐसे में प्रदेश भर में कार्यरत टीबी कर्मचारी सभी मूलभूत सुविधाओ से वंचित एवं कुंठित है। अपने अधिकारों की आवाज़ विभाग व सरकार तक पहुँचाने के लिए हड़ताल उनकी मजबूरी हो गई है।क्योंकि बहुत इंतज़ार और विभागीय भागदौड़ से कर्मचारियों में निराशा व्याप्त हो गई है। प्रदेश विधिक सलाहकार अमित राय ने कहा कि संगठन मिशन निदेशक को पत्र लिखकर अपनी मांगों को भेज चुका है यदि हमारी मांगे सात दिनों के अंदर नही मानी गयी तो हम प्रदेशभर के टीबी कर्मी आंदोलन करने के लिये बाध्य होंगे। जिलाध्यक्ष राजीव कुमार राय व महांमत्री निशांत मिश्र ने कहा कि पुरे प्रदेश के समस्त जनपदों में जिलाधिकारी व मुख्यचिकित्साधिकारी को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा जा रहा है।

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