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84 दंगा पीड़ितों के साथ फिर हो गया खेला

कानपुर,84 दंगा पीड़ितों के साथ फिर हो गया खेला कवलजीत सिंह मानू  प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी यूवा सिख मोर्चा ने कहा कि आखिर कब तक राजनीतिक पार्टियां अपनी रोटियां सेकने के लिए 84 दंगा पीड़ितों के जख्म हरे करते रहेंगे  31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी उसके बाद देश सिखों के कत्लेआम का दौर शरू हुआ,हजारों औरतों की आबरू लूटी गई, छोटे-छोटे बच्चों को जिंदा जला दिया गया! आज 37 साल के बाद भी इंसाफ के लिए सिख दर-दर भटक रहे हैं कानपुर में 127 व्यक्तियों की हत्या कर दी गई थी परंतु 37 वर्ष बीतने के बाद भी ना ही दोषीयो को सजा  मिली  और ना ही कोई  कातिल जेल गया| कई सरकारें आई गई परन्तु किसी ने भी तवज्जो नहीं दिया ।चुनाव के समय झूठा आश्वासन देकर   वोट लेने का काम किया| भाजपा सरकार आई सिखो की हमदर्दी लेने के लिए  एसआईटी का गठन कर दिया 2 वर्ष बीतने के बाद भी किसी दोषी को सजा नहीं दिलवा पाए एस आई टी की टीमें  ने मेहनत करके दोषियों को चिन्हित किया व नाम प्रदेश के मुखिया को भेजें परंतु वर्तमान में उनमें से कुछ लोग भारतीय जनता पार्टी में है इसलिए करवाई पर अभी फिलहाल रोक लगा दी गई है "इंसाफ कब मिलेगा" उप्र मे 2022  चुनाव है कुछ ही दिनों में आचार संहिता लगा दी जाएगी एसआईटी का खेल खत्म!


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