बुनियादी अवधारणा और भारत की खनिज संभावनाएं " विषय पर आयोजित किया गया
एमसीबीयू भूगर्भ शास्त्र विभाग में आयोजित किया गया अतिथि व्याख्यान
सिर्फ रोजगार के लिए ही नहीं, बल्कि अच्छा इंसान बनने के लिए भी पढ़ें- कुलगुरु प्रो शुभा तिवारी
भावी पीढ़ी के लिए खनिजों का अध्ययन और स्थिर उपयोग आवश्यक है- श्री नितीश कुमार दत्ता
मदन साहू, छतरपुर। महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो शुभा तिवारी जी के मार्गदर्शन में तथा डॉ पी के जैन विभागाध्यक्ष भूगर्भ शास्त्र के निर्देशन में 28 जनवरी, 2025 को विश्वविद्यालय के सरस्वती सभागार में अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो शुभा तिवारी जी ने की, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो अर्चना जैन संकायाध्यक्ष विज्ञान संकाय तथा श्री यशवंत सिंह पटेल कुलसचिव रहे। कार्यक्रम के संयोजक डॉ पी के जैन विभागाध्यक्ष भूगर्भ शास्त्र ने बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत व्याख्यान श्रृंखला के रूप में आज श्री नितीश कुमार दत्ता सेवानिवृत्त महानिदेशक भारतीय भू -वैज्ञानिक सर्वेक्षण का अतिथि व्याख्यान "खनिजीकरण कुछ बुनियादी अवधारणा और भारत की खनिज संभावनाएं " विषय पर आयोजित किया गया।
मां सरस्वती के पूजन अर्चन के साथ कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ, डॉ पी के जैन ने श्री दत्ता जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला, अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलगुरु प्रो शुभा तिवारी जी ने कहा कि आप पढ़ते हुए, वह बन जाइए जो आप बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ रोजगार के लिए न पढ़ें, अच्छा इंसान बनने के लिए भी पढ़ें। उन्होंने कहा कि अच्छे इंसान के पास रोजगार भाग - भाग कर आते हैं।
मुख्य वक्ता श्री नितीश कुमार दत्ता जी ने अपने व्याख्यान "खनिजीकरण कुछ बुनियादी अवधारणा और भारत की खनिज संभावनाएं " पर चर्चा करते हुए कहा कि हम पढ़ेंगे एक बार बोलो। उन्होंने कहा कि हम कुछ कर सकते हैं, थोड़ा कुछ करना पड़ेगा यही आशा करता हूं। उन्होंने सम्पूरित विकास के लिए खनिजों का अध्ययन करना आवश्यक है पर चर्चा की।
यह व्याख्यान छात्रों के ज्ञानवर्धक और बहुतपयोगी रहा। व्याख्यान में डॉ गौरी सनागो संकायाध्यक्ष जीवन विज्ञान संकाय,भूगर्भ शास्त्र विभाग के अतिथि विद्वान मुमताज जहां मंसूरी, आशिया बानो, आशी जैन, गुट्टी लाल कुशवाहा , शोध छात्र इमरान सिद्दीकी, तकनीकी समिति के अंकित शुक्ला, नरेश राजपूत, भूगर्भ शास्त्र विभाग के छात्र - छात्राएं उपस्थित रहे। संचालन आशिया बानो अतिथि विद्वान भूगर्भ शास्त्र ने किया तथा अंत में सभी उपस्थितों के प्रति आभार आशी जैन अतिथि विद्वान भूगर्भ शास्त्र ने किया।
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