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आपको रोगों से बचाएगा आंवला नवमी पर विशेष डा सुनील यादव

 


डा सुनील यादव
पूर्व चेयरमैन स्टेट फार्मेसी काउंसिल उत्तर प्रदेश


लखनऊ,सुबह सुबह स्मृति उपवन पार्क में प्रातः भ्रमण (मॉर्निंग वॉक) के दौरान  'आंवला कुंज' में महिलाओं को आंवला वृक्ष के नीचे पूजन करते देख लोगों के बीच चर्चा और उसे जानने की उत्कंठा का आभास हुआ ।
आज आंवला नवमी के अवसर पर बताया गया कि आज आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने से पुण्यलाभ होता है । श्री बृजभान जी के सहयोग से हमारे ग्रुप के सभी साथियों ने आंवले के पेड़ के नीचे अंकुरित चने का आनंद लिया, बातचीत में धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों पहलुओं पर विचारों का आदान - प्रदान हुआ ।
वास्तव में इस अमृत फल का महत्व धार्मिक के साथ वैज्ञानिक भी बहुत ज्यादा है, इसमें प्रचुर मात्रा में पॉलीफेनाल और विटामिन सी पाई जाती है, जो शरीर में अनेक रोगों से बचाती है और मुख्य तौर पर हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए फोलिक एसिड के वाहक के रूप में विटामिन सी आवश्यक होती है।
गोवर्धन पूजा के बाद प्रकृति संरक्षण का एक और धार्मिक प्रयोजन वास्तव में हमें प्रकृति संरक्षण और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील बनाता है ।

वैज्ञानिक महत्व


आंवला (Indian Gooseberry) का वैज्ञानिक नाम Phyllanthus emblica या Emblica officinalis है। आंवला एक पोषक तत्वों से भरपूर फल है, जिसमें विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, और खनिज पाए जाते हैं। यह आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है और इम्यूनिटी बढ़ाने, पाचन सुधारने, त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक माना जाता है।

प्रमुख औषधीय गुण:
भारत की पारंपरिक चिकित्सा में आंवला की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, यह त्वचा और आंखों में बेचैनी और जलन को कम करता है, खून में हिमोग्लोबिन की कमी (एनीमिया) की स्थिति में सुधार करता है, पुरुष प्रजनन प्रणाली और प्रजनन के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, पाचन को सुगम बनाता है, यकृत (लीवर) के स्वास्थ्य में सुधार करता है और हृदय प्रणाली में एक टॉनिक प्रभाव भी डालता है ।

विटामिन C: आंवला विटामिन C का समृद्ध स्रोत है, जो प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।

एंटीऑक्सीडेंट्स: इसमें कई एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।

एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: यह सूजन को कम करने में सहायक होता है।

लिवर और किडनी सुरक्षा: आंवला लिवर और किडनी को भी स्वस्थ रखता है।

एंटी-एजिंग गुण: इसके एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।

मधुमेह विरोधी गुण (एंटीडायबेटिक) :
एन सी बी आई, एन आई एच में प्रकाशित विभिन्न अध्ययनों के अनुसार आंवला में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले यौगिक मधुमेह के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभावों से जुड़े हैं। इन विट्रो अध्ययन ने यह संकेत दिया कि आंवला में पाए जाने वाले मुख्य फाइटोकेमिकल्स (जैसे कि एलाजिक एसिड और एस्कॉर्बिक एसिड) की गतिविधि ने ग्लूकोज पाचन (विशेष रूप से एमाइलेज और ग्लूकोसिडेस) में शामिल प्रमुख एंजाइमों की गतिविधि को कम कर दिया , इस प्रकार शोध में पाया गया कि आंवला बायोएक्टिव यौगिक मधुमेह के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, विशेष रूप से ग्लूकोज और इंसुलिन के स्तर को बहाल करने में सहायता करते हैं।

पाचन तंत्र की सुरक्षा
आंवला पॉलीफेनॉल को जठरांत्र संबंधी अंगों की सुरक्षा के लिए भी सही पाया गया है।

आयुर्वेद में, आंवले का उपयोग त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने के लिए किया जाता है।
इसलिए हमें रोज आंवला खाना चाहिए ।
ताजा फल या फल को सुखाकर उसका चूर्ण बना सकते हैं, च्यवनप्राश जैसी औषधियां इसके तैयार औषधि के रूप में बाजार में सुलभ है ।
एक अनुरोध यह भी है आज आंवला नवमी को अगर आप धार्मिक विधि करते हैं, तो भी यह ध्यान रखें कि पूजा करते समय वृक्ष को हानि ना पहुंचे, पेड़ों के नीचे गंदगी ना फैली रहे ।

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