पनीर बीमारियों का सबसे बड़ा कारण
डा बी. पी. यादव
स्पेशलिस्ट,
पथरी,गांठ, दमा,आदि रोगों
पनीर बीमारियों का सबसे बड़ा कारण होता मनुष्य स्वयं को कितना भी आधुनिक बना ले लेकिन उसे लौट के अपने पुराने ज्ञान की ओर पलटना ही पड़ता है। क्योंकि आधुनिक विज्ञान अधूरा है और प्राचीन शोध पूरी तरह जांचे-परखे और हानिरहित होते हैं।
अब बात करते हैं आज के सबसे प्रसिद्ध भोजन पनीर की...
भारतीय लोग तो पनीर के इतने दीवाने हो चुके हैं कि इन्हें पनीर जहां भी मिल जाए, बाकी सब चीज छोड़कर, सिर्फ पनीर ही मजे से ठूसने लगते हैं।
होटल में गए तो बिना पनीर खाये इनके गले से निवाला नही उतरता। कढ़ाई पनीर, शाही पनीर, मटर पनीर, चिली पनीर और भी न जाने कितने प्रकार के पनीर।
समोसे में पनीर, पकौड़ी में पनीर, पिज्जा में पनीर, बर्गर में पनीर, मतलब जहां देखो वहां पनीर।
भारत में शायद जितना दूध नही पैदा होता उससे ज़्यादा पनीर बनता होगा।
चिकित्सा विज्ञान में सबसे प्राचीन विधा आयुर्वेद में दूध, दही, घी का जिक्र तो हर जगह है, किन्तु इस नामुराद पनीर का जिक्र कहीं नही है। आखिर क्यों?
यदि पनीर इतना ही अच्छा है तो इसके बारे में किसी ऋषि ने कुछ क्यों नही लिखा?
जब गहराई से इसकी पड़ताल की तो पता चला कि...
आयुर्वेद में पनीर को निकृष्टतम भोजन के रूप में बताया गया है। कचरा माना गया है। और कचरा भी ऐसा वैसा नहीं, जिसे जानवरों को भी खिलाने से मना किया गया है।
दूध को फाड़ कर या दूध का रूप विकृत करके पनीर बनता है।
जैसे कोई सब्जी सड़ जाए तो क्या उसे खाएंगे? पनीर भी सड़ा हुआ दूध ही है।
भारतीय इतिहास में कहीं भी पनीर का उल्लेख नही है। न ही ये भारतीय व्यंजन है। क्योंकि भारत में प्राचीन काल से ही दूध को विकृत करने की मनाही रही है। आज भी ग्रामीण समाज में घर की महिलाएं अपने हाथ से कभी दूध नही फाड़ती।
पनीर खाने के नुकसान...
आयुर्वेद ने तो शुरू से ही बताया है कि विकृत दूध लिवर और आंतों को नुक्सान पहुंचाता है। लेकिन अब आधुनिक विज्ञान ने भी अपने शोध में साबित किया है कि पनीर खाने से आंतों पर अतिरिक्त दबाव आता है, जिससे पाचन संबंधित रोग होते हैं।
पनीर में पाया जाने वाला प्रोटीन पचाने की क्षमता जानवरों में भी नही होती। फिर मनुष्य उसे कैसे पचा सकता है?
नतीजा होता है खतरनाक कब्ज, फैटी लिवर और आगे चल कर हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह यानी डायबिटीज़। यही पनीर पेट की खतरनाक बीमारी IBS, (Irritable Bowel Syndrome यानी संवेदनशील आंत की बीमारी) को भी पैदा करता है।
ज़्यादा पनीर खाने से खून में थक्के जमने की शिकायत होती है, जो ब्रेन हैमरेज और हार्ट फेलियर का कारण भी बन सकता है।
वहीं ये पनीर हार्मोनल डिसबैलेंस का कारण भी बन सकता है, जिससे हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायराइडिज्म (Hyper/Hypo thyroid) भी पनप सकता है।
महिलाओं में गर्भ धारण करने की क्षमता कम होती है पुरुषों में नपुंसकता आती है।
कुल मिला कर देखा जाए तो पनीर से लाभ तो सिर्फ जीभ को ही होता है लेकिन हानि पूरे शरीर को होती है।
इसलिए अगली बार पनीर खाने से पहले सोचिएगा
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