या अल्लाह मुल्क में भाईचारा अमन व अमान मुहब्बत व् खुशहाली ता फरमा
गरीब नवाज के उर्स पर हिन्दुस्तान समेत पूरी दुनिया में अमनों अमान और खुशहाली के लिये दुआ मांगी
कानपुर , ऐ अल्लाह हमारी सुरक्षा फरमा आफतो और मुसीबतो से छुटकारा देदे ऐ अल्लाह हम तेरे बन्दे हैं और तेरी बारगाह मे तौबा करते है। हमारी तौबा कबूल फरमा। हमें हर तरह के पाप और बुरे कामों से सुरक्षित फरमा ऐ अल्लाह तू जो चाहे छीन ले तू जो चाहे दे दे तू ही हाकिम तू ही मददगार तू ही जरूरतों को पूरा करने वाला है। पाताल से लेकर आकाश तक तेरी ही बादशाहत हैं ऐ अल्लाह हमारी परीक्षा न ले। जिन नेक बन्दों की परीक्षा तूने लिया है उनके सदके हमारी परीक्षा माफ फरमा दें। ऐ अल्लाह जवान बेटीयों का रिश्ता देदे। ऐ अल्लाह जो निर्दाष लोग जेल मे हैं हजरत ख्वाजा गरीब नवाज के सदके में उन्हें रिहायी देदे। नमाज, रोजा, हज, जकात आदि की तौफीक देदें। आल इण्डिया गरीब नवाज़ के तत्वाधान में आयोजित मरकजी कुल शरीफ कंघी मोहाल बड़ा इमाम चौक में कौन्सिल के राष्ट्रिय अध्यक्ष मौलाना मो. हाशिम अशरफी ने नम आखों से दुआ की तो आमीन कहने वालो की आखों से आँसू बहने लगे। कुल में उपस्थित लोग भी दुआ में व्यस्त थे। हाथों को उठाये हुऐ थे। और गिड़गिड़ा कर मांग रहे थे। मौलाना अशरफी ने जब ख्वाजा गरीब नवाज की दुहायी देते हुए मुल्क की खुशहाली,तरक्की शांति की प्रार्थना की तो लोग जज़बाती होकर या ख्वाजा या ख्वाजा की गुहार लगाने लगे और फिर प्यार भरा नारा ख्वाजा ख्वाजा कहते है हिन्दुस्तान में रहते है की आवाजें हर तरफ से आने लगी। इसलिय में पूरी जिम्मेदारी के साथ ऐलान करता हूँ कि इस पवित्र दरगाह की सुरक्षा हर हाल में की जायेगी। और उसकी इज्ज़त आबरू पर कभी आँच नहीं आने दिया जायेगा। मौलाना अशरफी ने दहशत गर्दी पुरज़ोर निंदा की और कहा इस्लाम का दहशत गर्दी से कोई सम्बन्ध नहीं | उलमा ने कहा ख्वाजा गरीब नवाज़ ने मानवता, इन्सानियत मुहब्बत भाईचारा का सदेंश दिया। इसको फैलाने की जरूरत है। कि इसके जरिये दहशतगर्दी और फिरकापरस्ती खत्म होगी। ख्वाजा गरीब नवाज़ का संदेश अपने आप में एक उदाहरण है। बे सहारा मजबूरो और अपाहिजो को बिना भेद भाव के सुबहो शाम आप के लगंर से खाना खिलाया जाता है। इससे पूर्व जलसे का आगाज़ कुरान पाक की तिलावत से कारी मो. अहमद अशरफी ने किया । शब्बीर भईया, फखरुल हसन जुबेर वारसी मोहम्मद वासिफ अशरफी मोहम्मद सईद गुड्डू ने मेहमानों का हार फूल से इस्तकबाल व स्वागत किया। इस अवसर पर खास तौर पर खुर्शीद आलम मौलाना महताब आलम मिस्बाही,हाफिज मिन्हाजउद्दीन क़ादरी] मौलाना मोहम्मद हसन शिबली कारी नौशाद अहमद मौलाना मोइन उल कादरी हाफिज अख्तर रजा हाफिज बहारुद्दीन अशरफी अब्दुल रहीम बहराइची आदि मौजूद रहें।
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