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शिक्षा और रोजगार को बढ़ाने में मुस्लिम समाज हर संभव प्रयास करे- मौलाना गुलाम रसूल बलयावी

 ऐतिहासिक ए-शरिया जागरूकता अभियान व समाज सुधारक अधिवेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।



पूर्व सांसद मौलाना गुलाम रसूल बलयावी की तकरीर से प्रभावित होकर 35 नौजवान और अभिभावकों ने दहेज की मांग किये बिना सुन्नत के अनुसार शादी करने का अहद (वचन) लिया।


ब्यूरो चीफ़ सैय्यद शहाबुद्दीन अहमद की विशेष रिपोर्ट। 


बेतिया(पश्चिमी चम्पारण)बिहार।


बेतिया टाउन हॉल में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार केन्द्रीय एदार- ए-शरिया पटना के तत्वाधान में राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद मौलाना गुलाम रसूल बलयावी के नेतृत्व में दारूलकजा एदार- ए-शरिया बेतिया की देख रेख में शहर के टाउन हॉल में ऐतिहासिक ए-शरिया जागरूकता अभियान व समाज सुधारक अधिवेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। जिसमें बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल के विद्वानों उलेमा, नातखां, शायर और स्कालर शामिल हुए। अधिवेशन के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद मौलाना गुलाम रसूल बलयावी ने कहा कि शिक्षा के बुनियाद पर ही मुस्लिम समाज की तरक्की सम्भव होगी। क़ुरआन-ए-पाक में साफ तौर पर ज्यादा से ज्यादा शिक्षा हासिल करने के लिए कहा गया है। आज मुस्लिम समाज में शिक्षा , आर्थिक और सामाजिक तौर पर बहुत ही पिछड़े हुए हैं। इस समाज में शिक्षा 4%से भी कम है। बलयावी ने कहा कि जब तक शिक्षा में वृद्धि नही होगी सफलता के शिखर को फतह नहीं किया जा सकता है, इसलिए जरूरी है कि शिक्षा और रोजगार को बढ़ाने में मुस्लिम समाज हर संभव प्रयास करे वरना आपका वजूद खत्म हो जाएगा। बलयावी ने कहा कि आम सभा अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति मुस्लिम समाज को कमजोर समझकर परेशान नहीं करे। कोलकाता से तशरीफ लाये बड़े आलिम-ए-दीन मौलाना सैफुल्लाह अलीमी ने कहा कि आज हमारा समाज शादियों में दहेज की डिमांड से परेशान है और मजबूरन बेटियों की शादी के लिए बाप अपनी जमीन बेचने पर मजबूर हो जाता है। ऐसी बुराईयों को हमारे समाज के बीच से निकाल फेंकने की जरुरत है। पश्चिमी चम्पारण के मौलाना अमीरूद्दीन काजी ने कहा कि नौजवानों का साथ मिलता है तो हम जरूर दहेज रुपी अभिशाप से अपने समाज को मुक्त करा लेंगे, क्योंकि नौजवान ही इंकलाब लाते हैं। सीतामढ़ी से आये मुफ्ती अहसन रज़ा ने कहा कि मुस्लिम समाज शरियत के खिलाफ काम कर रहा है, जिसके कारण परेशानी में घिरा रहता है। हमारी संस्था सिर्फ मुस्लिम समाज के लिए ही नहीं बल्कि देश में गंगा जमुनी तहजीब कायम हो इस पर भी काम कर रही है। देश के विकास में भागीदारी तभी संभव होगी जब शिक्षा होगी। मुस्लिम समाज के खस्ता हालात के लिए वह स्वयं जिम्मेदार है। उन्होंने अपने बच्चे बच्चियों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा दे।

अल्हाज दिलकश रांचवी, मुफ्ती गुलाम हुसैन शफाकी, झारखंड के नाजिमें आला कुतुबुद्दीन रिजवी, मुफ्ती अहसन रजा, मौलाना खालिद रजा, अल्हाज मौलाना अमीरूद्दीन मिस्बाही आदि ने अधिवेशन को संबोधित किया। सभा के अंत में दस निकाती प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें हजारों लोगों ने हाथ उठा कर अपना समर्थन दिया। पूर्व सांसद मौलाना गुलाम रसूल बलयावी की तकरीर से प्रभावित होकर 35 नौजवान और अभिभावकों ने दहेज की मांग किये बिना सुन्नत के अनुसार शादी करने का अहद (वचन) लिया।

अधिवेशन को सफल बनाने में अल्हाज मौलाना अमीरूद्दीन, मौलाना सैय्यद साबिर जमाल, जहांगीर अशरफ़ी, मुजफ्फर कुरैशी, शहजाद आलम रशीदी, इकरामुल होदा, मौलाना शमशाद, जाहिद हुसैन, मौलाना रज़ा बरकाती, रजि नैय्यर, अबुल कलाम जौहरी, मेराज अहमद, इरशाद अहमद एवं समस्त जिले वासियों ने इस अधिवेशन को सफल बनाने में सहयोग दिया।



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