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उर्स-ए-पाक पर जलसा कर पेश किया अकीदत का नज़राना

 


गोरखपुर, उत्तर प्रदेश बिछिया रामलीला मैदान पीएसी कैम्प स्थित दरगाह पर बाबा हज़रत मुस्तफा अकबर शाह रहमतुल्लाह अलैह का उर्स-ए-पाक अदब व एहतराम के साथ मनाया गया।

पहले दिन जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी हुआ। जिसमें उलमा-ए-किराम ने अल्लाह, पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, सहाबा किराम, अहले बैत व औलिया किराम की फज़ीलत व बड़ाई बयान की। नात व मनकबत का नज़राना पेश किया गया। खिताब करते हुए मौलाना मो. शरीफ़ निज़ामी व कारी मो. रईसुद्दीन ने कहा कि क़ुरआन-ए-पाक व पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बताई राह पर चलें। पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, अहले बैत, सहाबा किराम व औलिया किराम की ज़िंदगी को अपना आदर्श बनाएं तभी कामयाबी मिलेगी। हज़रत सैयदना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां ने क़ुरआन व सुन्नत की जिस तरह पैरवी की वह दुनिया के लिए मिसाल है।

अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। उर्स में मो. रज्जब अली, मो. मुस्लिम ‘राज’, अरमान अली, मो. इस्राइल, राजन, महबूब आलम, मुजीबुल्लाह, मो. इस्लाम, मो. जावेद, आबिद अली, मनोज कुमार, सुदीष कुमार, अहमद अली, मो. याकूब, साबिर अली, सलमान, वसीम, अख्तर आलम, अब्बास अली, इम्तियाज अहमद सहित तमाम अकीदतमंद मौजूद रहे। मोहम्मद मुस्लिम ने बताया कि उर्स-ए-पाक के अंतिम दिन बुधवार को सुबह बाबा के मजार का गुस्ल होगा। क़ुरआन ख़्वानी होगी। अकीदतमंद पारंपरिक रूप से चादरपोशी करेंगे। फातिहा ख़्वानी व कुल शरीफ की रस्म अदा कर अमन चैन की दुआ मांगी जाएगी।


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