पैग़ंबरे इस्लाम व सहाबा किराम की पैरवी जरूरी है - उलमा किराम - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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पैग़ंबरे इस्लाम व सहाबा किराम की पैरवी जरूरी है - उलमा किराम


 गोरखपुर, उत्तर प्रदेश तकिया कवलदह सूर्य विहार कॉलोनी में पैग़ामे ग़ौसुलवरा कांफ्रेंस का आयोजन हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत कारी इरशाद अहमद ने की। नात-ए-पाक हाफिज आरिफ रजा, मो. आदिल अत्तारी व कारी मो. असलम ने पेश की। संचालन हाफिज रहमत अली निज़ामी ने किया। अकीदतमंदों को लंगर-ए-ग़ौसिया खिलाया गया। संयोजक आरिफ रजा जियाई के सिर पर हिफ्ज की दस्तार बांधी गई

मुख्य अतिथि महराजगंज के मुफ़्ती मो. अमजद मिस्बाही ने कहा कि ने कहा कि कलमा, नमाज़, रोज़ा, जकात, हज दीन-ए-इस्लाम के स्तंभ हैं इनकी हिफाजत करें। दीन-ए-इस्लाम की तालीम में प्यार, मोहब्बत, भाईचारगी व अदब है। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपने जीवन में ही अपने सच्चे और अच्छे सहाबा की वह पाक जमात तैयार की जिसके हर व्यक्ति ने पैग़ंबरे इस्लाम का हर पैग़ाम पूरी दुनिया में पहुंचाया। आज हर कलमा पढ़ने वाले की यह जिम्मेदारी है कि वह पैग़ंबरे इस्लाम के पैग़ामे तौहीद, अमन व मोहब्बत को घर-घर तक  पहुंचाएं। हम अपनी ज़िंदगी को नेक कामों से संवारें और बुराइयों से बचें

विशिष्ट अतिथि नायब काजी मुफ़्ती मो. अज़हर शम्सी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने पूरी दुनिया को ईमान के साथ दीन-ए-इस्लाम के मुताबिक नेक अमल करने की तालीम दी। 

अध्यक्षता करते हुए मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम की सभी तालीम सिर्फ और सिर्फ इंसानियत की भलाई के लिए हैं। दीन-ए-इस्लाम की मोहब्बत लोगों के दिलों में रचती बसती जा रही और लोग दीन-ए-इस्लाम अपनाते जा रहे हैं। 

विशिष्ट अतिथि कारी मो. अनस रज़वी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और आपके सहाबा (साथियों) की पैरवी हमारी पहली जिम्मेदारी है, इसलिए पैग़ंबरे इस्लाम की तालीम पर हम सब अमल करें। 

कांफ्रेंस में चुन्नू कुरैशी, मो. आसिफ कुरैशी, शरीफ कुरैशी, सफीक कुरैशी, रफीक कुरैशी, शाहिद, साहिल, इरशाद, दिलशाद, हाफिज आरिफ रजा जियाई, हाफिज रजी अहमद बरकाती, हाफिज आफताब, सैयद नदीम अहमद, सैयद हुसैन अहमद, यासीन खान, अफ़ज़ल खान, खुर्शीद आलम, महताब आलम, सेराज अहमद आदि ने शिरकत की।

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