लम्पी स्किन डिजीज के प्रकोप एवं प्रसार से बचाव के लिए पशुपालक दिये गये दिशा-निर्देशों का करें अनुपालन-मुख्य पशु चिकित्साधिकारी - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

Header Ads

लम्पी स्किन डिजीज के प्रकोप एवं प्रसार से बचाव के लिए पशुपालक दिये गये दिशा-निर्देशों का करें अनुपालन-मुख्य पशु चिकित्साधिकारी


 रिपोर्ट मोहम्मद सलमान

बलरामपुर। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 आर0बी0 सिंह ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज एक विषाणुजनित रोग है। रोग मंे पशु को तेज बुखार, आंख व नाक से पानी गिरना, पैरों में सूजन, पूरे चपटी गांठ आदि प्रकार के लक्षण पाये जाते है। कभी-कभी संपूर्ण शरीर की चमड़ी विशेष रूप से गर्दन, थूथन, थनों, गुदा व अंडकोष या योनिमुख के बीच के भाग पर गांठो के उभार बन जाते है। कभी भी पूरा शरीर गांठो से ढक जाता है। गम्भीर रूप से प्रभावित जानवरों में नैकोटिव घाव, श्वसन और जठतंत्र में भी विकसित हो जाते है। स्वसन पथ में घाव होने से सांस लेने में कठिनाई होती है, पशुओ का वजन घट जाता है, शरीर कमजोर हो जाता है एवं अत्याधिक कमजोरी से पशु की मृत्यु भी हो सकती है। गाभिन पशुओं मंे गर्भपात हो सकता है, दुधारु गायों में दुग्ध उत्पादन काफी कम हो जाता है   उन्होंने कहा कि रोग प्रकोप के समय सावधानी बरतें। क्षेत्र के निकटतम पशु चिकित्साधिकारी को सूचित करें। प्रभावित पशुओं का आवागमन प्रतिबन्धित करें। पशुओं को सदैव साफ पानी पिलायें। पशु के दूध को उबाल कर पियें। पशुओं को मच्छरों मक्खियों, किलनी आदि से बचाने हेतु पशुओं के शरीर पर कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें। पशुवाड़े और पशु खलिहान की फिनायल/सोडियम हाइपोक्लोराइट इत्यादि का छिड़काव कर उचित कीटाणु शोधन करें। बीमार पशुओं की देखभाल करने वाले व्यक्ति को भी स्वस्थ पशुओं के बाड़े से दूर रहना चाहिए। पहले स्वस्थ पशुओं को चारा व पानी दें, फिर बीमार पशुओं को दें। बीमार पशुओं को प्रबन्धन करने के पश्चात् हाथ साबुन से धोयें।

    उन्होंने कहा कि सामूहिक चराई के लिए अपने पशुओं को ना भेजे। पशु मेला एवं प्रदर्शनी में अपने पशुओं को न भेजें। बीमार एवं स्वस्थ पशुओं को एकसाथ चारा-पानी न करायें। प्रभावित क्षेत्रों से पशु खरीद कर न लायें। यदि किसी पशु की मृत्यु होती है, तो शव को खुले में न फेेंके एवं वैज्ञानिक विधि से दफनायें। रोगी पशु के दूध को बछड़े को न पिलायें। उन्होंने कहा कि सतर्कता से लम्पी स्किन डिजीज के प्रकोप से बचाव किया जा सकता है।

No comments