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जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों पर मनाया गया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

 


संतकबीरनगर, अगर आपका बच्चा सरकारी स्कूल या आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकृत है तो उसे स्कूलऔर आंगनबाड़ी केंद्र अवश्य भेजें। इन दोनों स्थानों पर पंजीकृत बच्चों को पेट के कीड़े मारने वाली दवा 25 जुलाई से 27 जुलाई के बीच भी खिलाई जाएगी। यह दवा बच्चे को कुपोषण, खून की कमी समेत कई प्रकार की दिक्कतों से बचाती है । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने अभियान के शुभारंभ के अवसर पर दी।


सीएमओ ने बताया कि 16 से 19 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों, ईंट भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकों और घुमन्तू लोगों को भी यह दवा खानी है। यह दवाई एक से 19 वर्षआयु वर्ग के सभी लोगों को खानी है । जिले के चार ब्‍लाकों  खलीलाबाद, सेमरियांवा, बघौली और नाथनगर के आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी) का आयोजन हुआ और दवा का सेवन बच्चों और किशोरों को कराया गया । अब यह दवा मॉप अप राउंड के दौरान 25, 26 और 27 जुलाई को छूटे हुए लाभार्थियों को खिलाई जाएगी। जिले में एलबेण्‍डॉजॉल का स्‍टाक आ जाने के बाद शेष ब्‍लाकों में भी कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी ।


डीसीपीएम संजीव सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को ड्यू लिस्ट तैयार करशिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद के लिए दिशा-निर्देश था। कोविडप्रोटोकॉल का पालन करते हुए हाथ सेनेटाइज करके या साबुन पानी से धुलने के बाद ही दवा खिलाई गयी। ऐसे लोग इस अभियान से दूर रखे गये जो कोविड संक्रमण संबंधित कार्य में लगे थे।  


इस दौरान एसीएमओ डॉ मोहन झा, एसीएमओ वेक्‍टर बार्न डिजीज डॉ वीपी पाण्‍डेय, जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह, एपीडेमियोलाजिस्‍ट डॉ मुबारक अली, सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद के अधीक्षक डॉ राधेश्‍याम यादव, बीपीएम महेन्‍द्र त्रिपाठी, बीसीपीएम अ‍भय त्रिपाठी तथा अन्‍य लोग मौजूद रहे।


अपने सामने ही खिलाएं दवा – डॉ रहमान


जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान ने बताया कि यह दवा शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने सामने खिलाएंगे और किसी भी स्थिति में परिजनों को दवा नहीं दी जाएगी । कृमि के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए  यह दवा सबसे बेहतर उपाय है । जिन बच्चों के पेट में पहले से कृमि होते हैं उन्हें कई बार कुछ हल्के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए और आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।


दवा खाने के फायदे


• स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार

• रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

• एनीमिया नियंत्रण

• समुदाय में कृमि संक्रमण की व्यापकता में कमी

• सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार

• वयस्क होने पर काम करने की क्षमता और आय में बढ़ोत्तरी


ऐसे होता है कृमि से बचाव


• साफ और छोटा नाखून

• साफ पानी का सेवन

• आसपास साफ-सफाई

• ढ़ककर  खाने का इस्तेमाल

• जूते पहनना

• खुले में शौच न करना

• खाने के पहले और शौच जाने के बाद हाथ अवश्य धुलें

• साफ पानी से फल और सब्जियां धोकर इस्तेमाल करें


8.51  लाख है लक्षित आबादी

एसीएमओ वेक्‍टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ वी पी पाण्‍डेय  ने बताया कि जिले में करीब 8.51  लाख लक्षित आबादी को यह दवा खिलानी है । पिछले साल हमने 92 प्रतिशत लक्ष्‍य को पूरा किया था। चार ब्‍लाकों में दवा का वितरण किया जा चुका है और दवा खिलाने के बाद एएनएम के जरिये कंपाइल्ड रिपोर्ट तैयार की जाएगी ।


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