सोशल ऑडिट जांच के नाम पर हुई खानापूर्ति ग्राम सुम्हा मामला
संतकबीरनगर। बेलहरकला ब्लॉक विकास खंड के ग्राम पंचायतों का वर्तमान में सोशल ऑडिट टीम द्वारा जांच किया जा रहा है। जिससे मनरेगा से हुए विकास कार्यो की जमीनी हकीकत जानी जा सके। लेकिन कही कही पर जांच में नियमो का पालन नही हो रहा है। जबकि इसके उद्देश्य पारदर्शिता, सहभागिता व जवाबदेही के किसी भी नियम का मखौल उड़ाया जा रहा है। केवल कागजी खानापूर्ति ही किया जा रहा है। टीम के सदस्यों की भी जवाबदेही बननी चाहिए क्योंकि ऑडिट टीम का केवल खानापूर्ति करना ही शेष रहा गया है। इसी कड़ी में बेलहरकला ब्लॉक के ग्राम पंचायत सुम्हा में बैठक होने के दौरान न तो वर्तमान ग्राम प्रधान ही उपस्थित रहे और न कोई जिम्मेदार प्रतिनिधि। इसके साथ ही जिम्मेदार ब्लॉक प्रशासन के कर्मचारी भी बैठक से नदारद रहे। जिससे हर ग्राम में हो रहे सोशल ऑडिट की बैठक के दौरान महज चन्द गिने चुने लोगो से पूछकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ले रही है। जबकि ऑडिट के दौरान ग्राम की दो तिहाई आबादी होना आवश्यक है। ऑडिट के किसी भी नियम का पालन करवाने में टीम नाकाम साबित रही है। ग्राम के अधिकांश लोगो को पता ही नही रहता है कि ग्राम में सोशल ऑडिट की बैठक होनी है। जिससे सोशल ऑडिट जांच महज दिखावा बनकर रह गयी है। जिससे यह प्रतीत होता है कि सोशल ऑडिट टीम केवल
खानापूर्ति कर रही है। जबकि हर जगह पर रोजगार सेवक के साथ ही ब्लॉक कर्मियों का भी जांच टीम के समक्ष प्रस्तुत होकर मनरेगा से हुए विकास कार्यो को लेखा जोखा देना होता है। जबकि बीते वित्तीय वर्ष के लेखा जोखा के नाम पर गांव में सोशल ऑडिट टीम द्वारा केवल कागजी खानापूर्ति किया गया है। जिससे यह सोशल ऑडिट जांच केवल कोरम तक रह गया है। जबकि जहां पर बैठक होती है वहा पर बैनर पर लिखा पारदर्शिता, सहभागिता एवं जवाबदेही का नियम दिखावा मात्र रह चुका है। जबकि बैठक के नाम पर केवल सरकारी धन का दुरुपयोग ही हो रहा है।
आज के बैठक दौरान सोशल ऑडिट टीम से मनोज पाठक, फूलचंद गुप्ता, दिनेश प्रकाश, सत्यभामा, अमृतबाला के साथ ही पंचायत सहायक प्रिया दुबे, रामरेखा, सुग्रीम, सोनू, विदेशी, रामशरण,काशी प्रसाद, राजबली आदि चंद लोग ही उपस्थित रहे। जबकि रोजगार सेवक तो उपस्थित रहे लेकिन ग्राम प्रधान अनुपस्थित रहे।
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