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राष्ट्रपति चुनाव 2022 कौन जीतेगा चुनावी गणित?राजनीतिक विश्लेषण

 


आकाश सिंघल की रिपोर्ट

देश में अगला राष्ट्रपति कौन होगा? इस सवाल को लेकर आम जनमानस से लेकर सियासी गलियारों में भी चर्चा हो रही है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

18 जुलाई को वोटिंग होगी और 21 जुलाई को मतगणना के बाद फैसला हो जाएगा. जानिए देश में कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव, कैसे चुने जाते हैं महामहिम...भारत में राष्ट्रपति (Presidential Election) का चुनाव काफी अहम है. चुनाव लड़ने के लिए संविधान में पहले से ही योग्यता तय की गई है. राष्ट्रपति पद (President Post) के लिए कोई चुनाव लड़ना चाहता है तो उसके लिए कम से कम 35 साल उसकी उम्र होनी चाहिए. इसके साथ ही भारत का नागरिक (Indian Citizen) होना जरूरी है. वो लोकसभा (Loksabha) के सदस्य होने की पात्रता रखता हो और किसी लाभ के पद पर न हो. उम्मीदवार के पास 50 प्रस्तावक और 50 समर्थक विधायक का होना भी जरूरी है. भारत में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने को लेकर कोई सीमा निर्धारित नहीं है. इसका मतलब ये है कि देश का कोई भी नागरिक कितनी भी बार राष्ट्रपति के लिए चुनाव लड़ सकता है।

राष्‍ट्रपति चुनाव 2022: वोटों का गणित समझिएआज की तारीख में, राज्‍यों में कुल 4,790 विधायक हैं। उनके वोटों का मूल्‍य 5.4 लाख (5,42,306) होता है। सांसदों की संख्‍या 767 है जिनके वोटों का कुल मूल्‍य भी करीब 5.4 लाख (5,36,900) बैठता है। इस तरह राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए कुल वोट लगभग 10.8 लाख (10,79,206) हैं।

एक विधायक के वोट का मूल्‍य राज्‍य की आबादी और विधायकों की संख्‍या के आधार पर तय होता है। सांसदों के वोट का मूल्‍य विधायकों के वोटों का कुल मूल्‍य को लोकसभा और राज्‍यसभा के सांसदों की संख्‍या से भाग देकर तय होता है।एनडीए के पास 5,26,420 वोट हैं। यूपीए के हिस्‍से 2,59,892 वोट हैं। अन्‍य (तृणमूल कांग्रेस, YSRCP, BJD, SP और लेफ्ट) के पास 2,92,894 वोट हैं।

अगर YSRCP और BJP ने दिया साथ तो...

अगर YSRCP (43,500 वोट्स) या बीजद (31,700 वोट्स) एनडीए के उम्‍मीदवार का समर्थन करते हैं तो वह आसानी से जीत जाएगा। अब देखना ये होगा कि कौन अपना गणित बैठा पाता है और क्या  विपक्षी संयुक्त रूप से अपना प्रत्याशी घोषित कर पाते हैं अगर ऐसा कर पाए तो इस बार का चुनाव अलग ही निर्णय लेकर आएगा।

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