अम्न-ओ-सुकून के साथ मनाया गया ईद-उल-फितर का त्योहार
बरेली, उत्तर प्रदेश ईद-उल-फ़ित्र का त्योहार बरेली में अम्न-ओ-सुकून के साथ मनाया गया। दरगाह आला हज़रत समेत शहर भर की सभी खानकाहों, दरगाहों व मस्जिदों में लोगों ने ईद की नमाज़ अदा की। इमामों ने अरबी में दिया। इमामों ने मुल्क़-ए-हिंदुस्तान समेत दुनियाभर में अमन चैन और आपसी भाईचारे की दुआ की। कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद लोगों ने एक दूसरे को लगे लग कर ईद की मुबारकबाद दी। मुख्य नमाज़ बाकर गंज स्थित ईदगाह में साढ़े दस बजे क़ाज़ी-ए-हिंदुस्तान मुफ़्ती असजद रज़ा क़ादरी (असजद मियां) ने ईद की नमाज़ अदा करायी। नमाज़ के बाद खुत्बा पढ़ा। मुल्क-ए-हिंदुस्तान समेत दुनिया भर मे अमन व खुशहाली की दुआ की।
दरगाह आला हज़रत पर सबसे आखिर में ग्यारह बजे नमाज़ अदा की गई। यहाँ रज़ा मस्जिद के इमाम कारी रिज़वान रज़ा ने नमाज़ अदा करायी। दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) समेत खानदान के सभी बुजुर्गों ने यहाँ नमाज़ अदा की। इसके बाद प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने भी नमाज़ अदा करने के बाद सभी से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने मुबारकबाद देते हुए कहा कि रमज़ान में की गई हमारी इबादतों को अल्लाह अपनी बारगाह में कुबूल फरमाए। साथ ही मुल्क़ ए हिंदुस्तान समेत दुनियाभर में अमन-ओ-सुकून की खुसूसी दुआ की। मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी,नासिर कुरैशी,शाहिद नूरी,हाजी जावेद खान,अजमल नूरी, परवेज़ नूरी,ताहिर अल्वी,औरंगजेब नूरी,शान रज़ा,मंज़ूर खान,ज़हीर अहमद,काशिफ खान आदि ने भी सबको मुबारकबाद दी। शहर में सबसे पहले बाजार संदल खान की वली मियां दरगाह पर सुबह 6 बजे सज्जादानशीन अल्हाज़ अनवर मियां ने नमाज़ अदा की गई। ये सिलसिला 11 बजे तक चलता रहा। ख़ानक़ाह-ए-नियाज़िया में साहिबे सज्जादा अल्हाज़ मेहंदी मियां ने सुबह 9 बजे,किला की शाही जामा मस्जिद में मुफ्ती खुर्शीद आलम ने 9.30 बजे,दरगाह शाह शराफत अली मियां साहिबे सज्जादा अल्हाज़ सकलैन मियां ने साढ़े सात बजे, 9 बजे बिहारीपुर की मस्जिद बीबी जी मे मुफ्ती उमर रज़ा मरकज़ी ने,दरगाह शाहदाना वली व सिविल लाइन्स की नोमहला मस्जिद में 10 बजे नमाज़ अदा की गई। नमाज़ के बाद ईद मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। सभी ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी। एक दूसरे के घर दावतों का दौर चला। वही शहर में किला जामा मस्जिद,मलूकपुर,आज़म नगर,पुराना शहर में मेला लगाया गया। जहां बच्चों ने खूब मस्ती की।
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