शुद्धता के साथ करें हेडकाउण्ट सर्वे, बनाएं बेहतर माइक्रोप्लान
संतकबीरनगर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के फील्ड यूनिट के मानीटर फहीम खान ने कहा कि रुटीन इम्यूनाइजेशन का सारा दारोमदार बेहतर हेडकाउण्ट सर्वे व माइक्रोप्लान पर आधारित होता है। वर्तमान समय में माइक्रोप्लान के लिए हेडकाउण्ट सर्वे की शुरुआत गुरुवार से हो जाएगी। इसलिए सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ एएनएम भी पूरी शुद्धता के साथ इसे पूरा करें, ताकि ऐसे माइक्रोप्लान का निर्माण हो सके, जिसमें कोई गैप न हो ।
यह बातें उन्होने खलीलाबाद ब्लाक के सभागार में एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं को नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लान के सम्बन्ध में प्रशिक्षण देते हुए कही। इस दौरान उन्होने आशा कार्यकर्ताओं को सत्र निर्धारण की बारीकियों से अवगत कराया । उन्होंने टीकाकरण के लिए स्थल चुनने के बात पर यह कहा कि कोई भी स्थल ऐसा चुने जो विवादित न हो। जहां तक हो सके सरकारी भवन जैसे स्कूल, आंगनबाड़ी सेंटर, पंचायत भवन या ऐसा कोई स्थान चुने जहां पर सभी लोग बेरोक टोक आ सकें। उन्होंने बताया कि जिस स्थान का चयन किया जाय वहां पर छाया की सुविधा के साथ ही साथ पानी और शौचालय की भी सुविधा हो, ताकि किसी भी गर्भवती की जांच में कोई परेशानी न हो।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ राधेश्याम यादव के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान भारी संख्या में आशा कार्यकर्ता व एएनएम के साथ ही साथ एएनएम अंजू, शबनम, नेहा, सीमा व सुनीता आदि मौजूद रहीं। सीमा ने बताया कि इस प्रशिक्षण से उन्हें अपने रुटीन इम्यूनाइजेशन के कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। एएनएम कंचन का कहना था कि हेड काउंट के आधार पर हम इंजेक्शन लोड कैसे निकालें इस बात की बेहतर जानकारी दी गयी।
*मजरों के साथ ही दुर्गम क्षेत्रों को भी जोड़ें*
इस अवसर पर बीपीएम खलीलाबाद अभय त्रिपाठी ने सभी प्रशिक्षुओं ने कहा कि आशा कार्यकर्ता एएनएम के साथ मिलकर दुर्गम क्षेत्रों को भी जोड़ें। मसलन ईट भट्ठा या कोई फैक्ट्री, नदी की तलहटी में रहने वाले लोगों तथा चार घरों के मजरों को भी गांवों के साथ जोड़ा जाय, ताकि हर लाभार्थी को नियमित टीकाकरण करके बीमारियों से बचाया जा सके। नाथनगर, मेंहदावल, सेमरियांवा व अन्य ब्लाक इकाइयों पर भी प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
*एनएनएम क्षेत्र का नक्शा भी बनाएं*
इस दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ आर एस यादव ने कहा कि हेड काउण्ट सर्वे के दौरान एएनएम क्षेत्र का एक नक्शा भी ग्रामसभावार बना दें। इसमें छोटी बस्ती के साथ ही साथ औद्योगिक इकाइयों, एएनएम के बैठने के स्थान के साथ ही साथ अन्य प्रतीक चिन्हों को भी दर्शा दें, ताकि लाभार्थियों के साथ ही साथ पर्यवेक्षण के लिए पहुंचे अधिकारीगण भी रुटीन इम्यूनाइजेशन की स्थिति का निरीक्षण कर सकें।
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