मोहल्ले अगर एक शख्स ने भी ऐतकाफ कर लिया तो सब बरिउज्ज़िमा (छुटकारा) हो गए वरना सब जिम्मेदार होंगे मौलाना हाशिम अशरफी
कानपुर, रमज़ान की बीसवीं तारीख को सूरज के डूबने से पहले ऐतकाफ कि नियत से 29 को चाँद निकलने तक या तीस को सूरज के डूबने तक मस्जिद बा जमाअत में ठहरना सुन्नते मोअक्किदा किफाया है | मोहल्ले अगर एक शख्स ने भी ऐतकाफ कर लिया तो सब बरिउज्ज़िमा (छुटकारा) हो गए वरना सब जिम्मेदार होंगे | औरतों को मस्जिद में ऐतकाफ करना मकरूह है इस लिए वह घर ही में उस जगह ऐतकाफ करें जो जगह नमाज़ पढ़ने के लिए मुक़र्रर कर रखी हो जिसे मस्जिदे बैत कहते हैं | यह बयान हजरत मौलाना मो. हाशिम अशरफ़ी राष्ट्रीय अध्यक्ष आल इण्डिया गरीब नवाज़ कौन्सिल ने मस्जिद हाथीपुर महाराजपुर में आयोजित जश्न ए अजमत ए कुरान में किया | वाजेह हो कि मौलाना हाफिज मो. सरफराज़ ने कुरान पाक का एक दौर मुकम्मल किया | इस से पूर्व जलसे की शुरूआत अल्लाह के कलाम से हाफ़िज़ रियाज़ अहमद ने किया | संचालन मौलाना अफ़ज़ल हुसैन इमाम मस्जिद हाथीपुर ने किया और खूरशीद आलम, कारी मोहम्मद अहमद अशरफी ने नातें पढ़ीं | इस अवसर पर प्रमुख रूप से मौलाना मोहम्मद क़ासिम अशरफी, शहेंशाह खां ,हसीन खां ,चांद खां ,मोबीन खां, इस्तेखार खां,उमर फारूक
नौशाद कुरैशी, कारी आज़ाद अशरफी,हाफ़िज़ मोहम्मद अशरफी,हाफ़िज़ नियाज़ अहमद,हाफ़िज़ मोहम्मद मुश्ताक,दिलशाद अहमद,गुलज़ार अहमद,महताब आलम, उपस्थित थे
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