सदके फितर व दीगर अतियात से गरीबों की करें मदद - मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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सदके फितर व दीगर अतियात से गरीबों की करें मदद - मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी


 कानपुर ,सदके फित्र अदा करना ईद उल फितर से पहले हर मालिके निसाब पर वाजिब है जब तक सदके फितर अदा नहीं किया जाता बंदे का रोजा जमीन व आसमान के दरमियान ही में रहता है और उसका रोजा तब तक मकबूल नहीं होता जब तक के वह उसे अदा ना कर दे, लेहाज़ा अगर यह गेहूं के या उसका आटा या सेत्तु के जरिए अदा किया जाए तो पी नफर 2 किलो 45 ग्राम अदा करना होगा जिसमें गेहूं की इतनी मिक्दार की कीमत इस साल 55 रूपया मुकर्रर की गई है और अगर उसे खजूर या मुनक्के या जौ या उसके आटे या सेत्तु से अदा करना चाहे तो 4 किलो 90 ग्राम फी नफर अदा करना होगा। यह ऐलान व बयान अक्सा जामा मस्जिद गद्ददीयाना के खतीब व इमाम मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी सरबराहे आला जामिया अशरफुल मदारिस गद्ददीयाना कानपुर व इमाम ईदगाह गद्ददीयाना कानपुर व सदर ऑल इंडिया गरीब नवाज काउंसिल ने मस्जिद क़ुबा मोतीनगर जाजमऊ में जश्ने तकमीले कुरान के मौके पर दिया। उन्होंने मज़ीद कहा कि गेहूं या जौ देने से उसका आटा देना अफजल है और उससे अफजल यह है कि गेहूं की कीमत दे या जौ की या खजूर की या मुनक्के की। 

     वाज़ेह रहे की हाफिज  मोहम्मद नफीस साहब ने कुरान का पहला दौर मुकम्मल किया, और मुल्क हिंदुस्तान में अमनो अमान के लिए अल्लाह तआला की बारगाह में रो रो के मौलाना मुहम्मद हाशिम अशरफी ने दुआ मांगी।मौलाना क़ासिम बरकाती इमाम मदीना मस्जिद ने भी तकरीर की। खुरशीद आलम,शहज़ाद अहमद मोहम्मद हसन शिबली ने बातें पढ़ीं

खास तौर से शहज़ाद अहमद, दिलशाद अहमद,मोहम्मद कासिम अशरफी,कारी नौशाद अहमद,सय्यद अब्दुल हमीद,हाफ़िज़ शाकिर इमाम मस्जिद कुबा,हाफ़िज़ हशमतुल्लाह आदि मौजूद रहे।

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