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मुसलमानो तुमने क्या समझ रखा है कुराने पाक को

 


कानपुर, क्या तुम ये समझते हो कि कुराने पाक ताक में रखने की चीज़ है? क्या तुमने ये समझ रखा है कि कुराने पाक की सिर्फ और सिर्फ रमजानुल मुबारक में ही तिलावत करने चाहिए? क्या  तुमने ये समझ रखा है कि कुराने पाक को तीजे, बीसवें और चालीस्वें में पढ़ना चाहिए? क्या तुम ये समझते हो तुमने कुरान पाक को बुलंद (ऊंची) जगह पर रख दिया है और उसका हक़ अदा हो गया है? हरगिज़ हमने कुरान पाक के हक़ को अदा नहीं किया बल्कि हमको चाहिए कि रोज़ाना कुरान पाक की तिलावत करके उसके बताए हुए रास्ते पर चलकर अपने अल्लाह और उसके रसूल पैगंबर इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्ललाहो अलैहि वसल्लम को राज़ी करके आखिरत की दौलत को इकट्ठा करना चाहिए उक्त विचार मदरसा अरबिया रज्जाकिया मदीनतुल उलूम के तत्वाधान में आयोजित जश्ने तकमील हिफ्जुल कुरान के जलसे को संबोधित करते हुए काज़ी ए शहर कानपुर हज़रत मौलाना मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही  ने बांसमंडी में व्यक्त किए।और बताया कि मुसलमानो अगर तुम परेशानियों से बचना चाहते हो तो कुरान पढ़ो, अगर तुम्हे रिज्क चाहिए तो कुरान पढ़ो, अगर तुम बरकत की तलब कर रहे हो तो कुरान पढ़ो, अगर तुम बीमारी से शिफा चाहते हो तो कुरान पढ़ो, अगर तुम हादसात से बचना चाहते हो तो कुरान पढ़ो, अगर तुम चाहते हो कि हमारे घर वाले जो इस दुनिया से चले गए हैं उनके गुनाह माफ किए जाए तो तो तुम उनकी कब्रों पर जुमे के दिन जाया करो और तिलावत कुरान किया करो जिससे उनके तमाम गुनाह माफ हो जायेंगे,  समाज को शिक्षित करो तो समाज में फैली बुराइयां खुद ब खुद खत्म हो जाएंगी पैगंबर इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया की शिक्षा की प्राप्ति के लिए उम्र कि कोई कैद नहीं होती है और न ही औरत मर्द का कोई भेदभाव होता है शिक्षा के द्वारा जहां दुनिया की तरक्की मिलती है रोटी कमाने का रास्ता बड़ो का आदर करने और छोटो पर प्रेमभाव पैदा होता है सही ढंग से इबादत करने का तौर तरीका मालूम होता है। क्योंकि जो इबादत बेगैर जानकारी के वो अपूर्ण है इसीलिए जरूरी है की इतनी शिक्षा जरूर हासिल करो जो तुम्हारे दैनिक कामों में मददगार साबित हो।इससे पूर्व जलसे की शुरुआत तिलावते कुरान पाक से हाफिज मुबस्शिर करीम ने की और बरगाहे रिसालत में हाफिज मोहम्मद तौफीक, हाफिज मोहम्मद सैफ, हाफिज नावेद अख्तर, हाफिज शौकत, मोहम्मद जाने आलम, ने  नात शरीफ का नज़राना पेश किया जलसे की अध्यक्षता मदरसे के प्रधानाचार्य हाफिज अब्दुर्रहीम बहराइची ने की, सरपरस्ती  मौलाना फिरोज़ आलम व संचालन आसिफ रजा हबीबी ने किया इस मौके पर प्रमुख रूप से हाजी मोहम्मद नसीम अंसारी, हाजी मेहमूद आलम, हाजी ताहिर खान, अब्दुल कलाम,अली अकबर गुड्डू, जाहिद अली खान, हाजी मोहम्मद आसिफ रईस, इजहार अहमद खान, हाजी अतीक अहमद, मोहम्मद तौफीक, अयाज़ अहमद, मोहम्मद कैफ, रैसुल हसन, कलीम दानिश इत्यादि लोग उपस्थित रहे!


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