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केन्द्र और राज्य कार्मिकों की पुरानी पेंशन के लिए बड़ी तैयारी


लखनऊ,होली के पावन पर्व पर शिव गोपाल मिश्रा राष्ट्रीय महामंत्री रेलवे कर्मचारी मेंस यूनियन के द्वारा अपने संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के राज भवन के सामने वाले कार्यालय में परिषद के पदाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए पुरानी पेंशन व्यवस्था के मुद्दे उत्तर प्रदेश की कर्मचारियों से और शिक्षकों की एकता को एक ऐतिहासिक जीत बताया गया। बैठक में सबसे पहले उत्तर प्रदेश के सभी कर्मचारियों शिक्षकों को इस बात की बहुत-बहुत बधाई दी उन्होंने पुरानी पेंशन को अपना नेता माना और प्रदेश के राजनीति करने वाले कुछ नेताओं को आईना दिखाय। राष्ट्रीय कार्यक्रमों के तहत दिल्ली में अति शीघ्र पूरे देश के सभी प्रदेशों के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके आगामी आंदोलनआत्मक बड़े कार्यक्रम की रूपरेखा तय की जाएगी। अप्रैल माह में केन्द्रीय कर्मचारी संगठनों, राज्य कर्मचारी संगठनों के साथ कई शिक्षक संगठनों की देशव्यापी बैठक भी बुलाई जा रही है। बैठक में तय किया गया कि  2024 के संसदीय चुनाव से पहले इस मुद्दे को पूरी तरह से सभी राष्ट्रीय पार्टियों के समक्ष रखकर अपने एजेंडे में रखने की बात की जाए अन्यथा उत्तर प्रदेश की तरह कर्मचारी शिक्षक समाज द्वारा पूरे देश में राजनीतिक निर्णय लिए जाएंगे।
बैठक में हरि किशोर तिवारी प्रदेश अध्यक्ष, शिव बरन सिंह यादव महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, जी एन सिंह महासचिव डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ, एन. डी. द्विवेदी अध्यक्ष डिप्लोमा संघ, अविनाश श्रीवास्तव अध्यक्ष उद्यान, एस पी मिश्रा पूर्व अध्यक्ष डिप्लोमा महासंघ, एसपी गुप्ता अध्यक्ष ब्रिज कारपोरेशन, एच एन मिश्रा सहित रेलवे  कई पदाधिकारी उपलब्ध रहेकहा कि सरकार ने बिना सोचे विचारे नई पेंशन स्कीम लागू कर दी है। यह किसी भी तरह से सरकारी कर्मचारियों के हित में नहीं है। वर्ष 2005 के बाद राजकीय सेवा में आने वाले तमाम कर्मचारी इस स्कीम के विरोध में हैं। सभी विभागों के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को ही बहाल करने के पक्ष में आंदोलन कर रहे हैं।बैठक में वक्ताओं ने कहा कि  पुरानी पेंशन योजना, जिसे जनवरी 2004 में केंद्र की तरफ 31 दिसंबर, 2003 के बाद भर्ती सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में बदल दिया गया था। एनपीएस में कर्मचारियों के लिए फायदेमंद कई प्रावधान शामिल थे जो नई योजना में नहीं हैं। इसमें सबसे अहम बात तो यही है कि कर्मचारियों को वेतन से 10 प्रतिशत अंशदान देना होता है, जिसका प्रावधान ओपीएस में नहीं था। यही नहीं, ओपीएस के विपरीत एनपीएस में भविष्य निधि का भी कोई प्रावधान नहीं है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने का जिक्र करते हुए केन्द्रीय नेता शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल होना तय है बस एक सामूहिक आन्दोलन की जरूरत है। हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन के लिए हड़ताल से लेकर दिल्ली रैली और केन्द्रीय संगठनों के साथ किए गए आन्दोलन का परिणाम है कि आज पुरानी पेंशन राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने दोहराया कि पुरानी पेंशन को लेकर केन्द्र में उथल पुथल की स्थिति है, काफी संख्या में संसद सदस्य पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में है। राज्यों में सरकारों पर पुरानी पेंशन का दबाव बना हुआ है। बैठक में तय किया गया कि अप्रैल माह में एक सामूहिक बैठक के उपरान्त राष्ट्रव्यापी वृहद आन्दोलन की घोषणा कर दी जाए।

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