भ्रष्टाचार के आगोश में निष्ठुर हुआ शासकीय तंत्र
सेराज अहमद कुरैशी
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग में कैंसर की भांति फैलते भ्रष्टाचार पर शासकीय तंत्र का असफल होना लाचारगी व बेबसी को बयान करता नजर आ रहा है। अगर गौर किया जाए तो प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक की वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट पर दोषी अभियंताओं के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही न किए जाने के विरोध में तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा 258 दिनों से चलाए जा रहे सत्याग्रह संकल्प पर शासकीय तंत्र की उदासीनता व उपेक्षा से प्रतीत हो रहा है कि भ्रष्टाचार की आगोश में डूबा शासकीय तंत्र निष्ठुर हो चुका है जिसके परिणाम स्वरूप लोकतांत्रिक व्यवस्था का अस्तित्व खतरे में है। यही कारण है कि आज लोक सेवक लोक सेवा की मूल अवधारणा से विरत होकर आमजन को कोप भाजन का शिकार बनाने की दिशा में अग्रसर हैं और व्यवस्था के पोषक मूकदर्शक बने हुए हैं। जिसके परिणाम स्वरुप उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के अभियंता प्रतिवर्ष अरबों खरबों रुपए का बंदरबांट कर सरकारी राजस्व की गंभीर क्षति करने के आदती बन चुके हैं। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और आवश्यकता पड़ने पर आने वाले दिनों में निरंकुश भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के संरक्षणदाताओं के विरुद्ध क्रमवार प्रतीकात्मक प्रतिकार व्यक्त करने में संगठन कोई कोताही नहीं करेगा।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्रा, अनूप शुक्ला, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर, योगेन्द्र कुमार मिश्रा एडवोकेट महामंत्री जिला कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन, डी एन सिंह ठेकेदार जन कल्याण समिति लखनऊ के प्रदेश उपाध्यक्ष, रामनिवास गुप्ता, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, राजेश शुक्ला अधिवक्ता कमिश्नरी बार गोरखपुर, अनूप कुमार मिश्रा एडवोकेट स्नेहा मिश्रा एडवोकेट दीवानी कचहरी गोरखपुर विरेन्द्र कुमार वर्मा, विरेन्द्र राय, जिला मंत्री रामचन्दर दूबे, जिला संयोजक राजमंगल गौर, जिला मीडिया प्रभारी शशी कांत, नानू अंसारी, बृजराज सैनी, संतोष गुप्ता, संजय गुप्ता, राजेश्वर पांडे, गिरजा शंकर नाथ, इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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