हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अमित ने 55 वर्षीय हरिद्वार को दिया नया जीवन
संतकबीरनगर, जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अमित सिंह ने जिले के रजापुर सरैया के निवासी 55 वर्षीय हरिद्वार को नया जीवन दिया है। दिल्ली में बेड से गिरने से उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गयी थी, उनके परिजनों ने दिल्ली में आपरेशन कराया लेकिन जब फिर स्थिति बिगड़ने लगी तो परिजन उन्हें जिला चिकित्सालय में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अमित सिंह के पास ले गए। वहां पर उन्होने फिर उनका सफल आपरेशन करके उनको फिर से नया जीवन दिया है।
हरिद्वार ने बताया कि वह दिल्ली में रहकर कमाते हैं। बीते अगस्त माह में वह बेड से गिर गये। बेड से गिरने के चलते उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गयी। दिल्ली में चिकित्सकों ने उसे प्लेट लगाकर जोड़ दिया। लेकिन जब वह वहां से वापस आए तो उसकी स्थिति बिगड़ने लगी। परिजन उन्हें जिले के ही एक प्राइवेट न्यूरो चिकित्सक के पास ले गए। वहां पर चिकित्सक ने उन्हें 6 दिन रखा और 4 लाख से अधिक रुपए ले लिए, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। बाद में गांव के ही एक सरकारी कर्मचारी जो न्यायालय में काम करते हैं उन्होने बताया कि जिला चिकित्सालय में डॉ अमित सिंह को दिखा ले। उनकी बात को मानकर परिजन हरिद्वार को जिला चिकित्सालय में डॉ अमित सिंह के पास ले गए। उन्होने उनकी स्थिति देखी तथा एक्सरे कराने के बाद फिर नई टाइटेनियम की प्लेट लगाई। साथ ही कुछ दवाएं भी दीं। अचानक उसका शुगर बढ़ गया तो उसे खुद पैसा देकर मेडिकल कालेज भेजा और जब शुगर सामान्य हुआ तो दो दिन बाद जिला चिकित्सालय बुलाया। अस्पताल में भर्ती करके नियमित देखभाल की और टांके खुलने के बाद हरिद्वार अब सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। वह पहले की तरह से चल सकते हैं तथा उन्हें कोई परेशानी नहीं है।
*हरिद्वार के परिजनों ने जताया आभार*
हरिद्वार जो अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे । उनकी हड्डी टूट जाने के बाद वह बेसहारा हो गये कई चिकित्सकों के यहां जाकर उनकी सारी जमांपूजी खत्म हो गयी, लेकिन अब वह पूरी तरह से ठीक है और इसके लिए जिला चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ अमित सिंह को धन्यवाद देते नहीं थकते हैं। अब वह फिर से नए सिरे से काम शुरु कर सकते हैं।
*तीन साल में बदले 200 से अधिक कूल्हे*
वर्ष 2017 में जिला चिकित्सालय संतकबीरनगर में तैनात हुए डॉ अमित सिंह ने अभी तक 800 से अधिक बड़ी आर्थो सर्जरी की है। इसमें तकरीबन 300 सर्जरी तो कूल्हा प्रत्यारोपण की हुई। इसमें से भी 130 से अधिक कूल्हे तो आयुष्मान भारत योजना के तहत बदले गए। रीढ़ की हड्डी के 50 से अधिक आपरेशन किए, वहीं 24 पूर्ण घुटना प्रत्यारोपण भी किया गया। हर दिन कम से कम 5 आपरेशन उनके द्वारा किए जाते हैं। जिला अस्पताल में हड्डी की सर्जरी की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है।
*नेपाल, बिहार व पूर्वी यूपी के जनपदों से आते हैं मरीज*
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अमित सिंह के यहां संतकबीनगर जनपद से मरीज तो आते ही हैं, नेपाल, बिहार व पूर्वी यूपी के विभिन्न जनपदों से मरीज आते हैं। कुशीनगर के कप्तानगंज से आए संतोष सिंह बताते हैं कि उनके पैर की हड्डी एक एक्सीडेंट में टूट गयी थी। गोरखपुर के एक प्राइवेट चिकित्सक ने ढाई लाख रुपए लेकर आपरेशन किया। इसके बाद भी जब पैर टेढ़ा होने लगा तो उन्होने फिर चिकित्सक से सम्पर्क किया। उसने फिर आपरेशन के लिए दो लाख रुपए मांगे। उनके ही एक सम्बंधी ने डॉ अमित के बारे में बताया तो वह जिला चिकित्सालय में आए और डॉ अमित से सम्पर्क किया। नतीजा यह हुआ कि यहां पर उनको मात्र टाइटेनियम राड बाहर से लेना पड़ा। बाकी सारा काम मुफ्त में हो गया।
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