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नौकरियों व उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी को कांग्रेस ने ही दिया आरक्षण-लौटनराम निषाद

लखनऊ। कभी सवर्ण समाज के साथ-2 अतिपिछड़ी,दलित व अल्पसंख्यक समुदाय की जातियाँ कोर वोट बैंक हुआ करती थीं।लेकिन सपा,बसपा जैसी जाति आधारित दलों के उदय के बाद धीरे धीरे उसका बेस वोटबैंक छिटकता गया।कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सक्रियता से पिछडों,दलितों व अल्पसंख्यक वर्ग की रुझान कांग्रेस की तरफ बढ़ रही है।राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व कांग्रेस नेता चौ.लौटनराम निषाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मिशन-2022 में जातिगत सामाजिक समीकरण को साधकर मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगी।पूर्वांचल में यादव, कुर्मी,निषाद, बिन्द, कुशवाहा,मौर्या,राजभर,चौहान, विश्वकर्मा, प्रजापति,साहू को टिकट वितरण में प्राथमिकता दी जाएगी।कांग्रेस सामाजिक,राजनीतिक न्याय की नई विचारधारा के साथ आगे बढ़ेगी निषाद ने कहा कि कांग्रेस ने ही अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों को सरकारी नौकरियों और केंद्रीय  व उच्च शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थानों में 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा दिया।मण्डल कमीशन के तहत ओबीसी को सरकारी सेवाओं में


27 प्रतिशत आरक्षण का शासनादेश कांग्रेस की पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार ने ही 10 सितम्बर,1994 को जारी किया। यूपीए-1 की सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह जी ने 3 मार्च,2006 को केन्द्रीय व उच्च शिक्षा में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा की अधिसूचना जारी कराए।सुप्रीम कोर्ट के 10 अप्रैल,2008 के निर्णय के बाद इसे वैधता मिली। निषाद ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ही निषाद मछुआरा समाज के जल आधारित परम्परागत पुश्तैनी पेशों यथा-नौका फेरी,मत्स्य पालन,बालू मोरम खनन को पट्टा पर देने का शासनादेश किया तहस।जिसे नब्बे के दशक की बाद की सरकारों ने सार्वजनिक तौर पर नीलामी का शासनादेश कर दिया।कांग्रेस सरकार बनने पर निषादों का परम्परागत पुश्तैनी पेशा बहाल किया जाएगा।विमुक्त जातियों को महाराष्ट्र पैटर्न पर स्पेशल रिज़र्वेशन दिया जाएगा



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