बिना भेदभाव धर्म मानवता की सेवा जमीअता उलमा का प्राथमिक उद्देश्य : मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी
कानपुर पिछले वर्षां की तरह इस वर्ष भी नगर जमीअत उलमा की जानिब से ज़रूरतमंदों में रज़ाई, कम्बल आदि वितरण करने का सिलसिला जारी है। जाजमऊ, बकरमण्डी ढाल, बेनाझाबर, ईदगाह कालोनी के बाद मस्जिद महमूदिया अजीतगंज में जमीअत उलमा के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी के हाथों से ज़रूरतमदों और मुस्तहिक़ लोगों के बीच लिहाफ वितरित किये गये। इस अवसर पर मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने कहा कि वालिद मोहतरम हज़रत मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी रह0 हर अवसर पर ज़रूरतमंदों के लिये फिक्रमंद रहा करते थे और उनकी जानिब से शहर व आसपास में कभी राशन, कभी पका हुआ खाना, इसी तरह सर्दियों में गर्म कपड़े, चादर, कम्बल और लिहाफ आदि ज़रूरतमंदों तक पहुंचाने का काम हुआ करता था। वह सिलसिला आज भी जारी है, जमीअत उलमा शहर कानपुर के ज़ेरे एहतमाम पिछले वर्ष भी एक हज़ार से ज़्यादा लोगों को रज़ाई, कम्बल आदि वितरित किये गये थे, इस वर्ष भी अल्लाह के फज़ल से अब तक सैंकड़ों लोगों में लिहाफ वितरित किये जा चुके हैं। मौलाना ने इस अवसर पर जमीअत उलमा के सेवाकार्यां के बारे में बात करते हुए बताया कि अभी सर्दियों से पहले रमज़ान, ईदुल फित्र उसके बाद ईदुल अज़हा के अवसर पर रमज़ान और ईद किट के नाम से आवश्यक सामग्री पर आधारित किटें और ईद के कपड़े आदि ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का काम किया गया था। उन्होंने बताया कि इस्लाम धर्म में मानवता की सेवा को सबसे बड़ी सेवा क़रार दिया गया है। इसी जज़्बे के तहत जमीअत उलमा के कार्यकर्ता लोगों के दरमियान पहुंचते हैं और अपनी ताक़त भर उनकी मुश्किलों को हल करने की कोशिश करते हैं और आगे भी करते रहेंगे। इस अवसर पर मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी के साथ मस्जिद महमूदिया अजीतगंज के इमाम व खतीब मौलाना अंसार अहमद जामई, मौलाना अनीसुर्रहमान क़ासमी, क़ारी अब्दुल मुईद चौधरी के अलावा अन्य स्थानीय लोग मौजूद थे।
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