बच्चों में खून की कमी का एक मुख्य कारण है कृमि (पेट के कीड़े) सीएमओ - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

Header Ads

बच्चों में खून की कमी का एक मुख्य कारण है कृमि (पेट के कीड़े) सीएमओ

रिपोर्ट मोहम्मद सलमान 


बच्चों में खून की कमी, पेट की तकलीफ और कुपोषण दूर करने हेतु 13 अक्टूबर 2021 तक मनाया जाएगा ‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान’


जिले के 1 से 19 साल तक के 16.44 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल गोली



गोंडा,पेट का कीड़ा बच्चों में खून की कमी, कुपोषण, शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक कमजोरी का कारण बनते हैं एल्बेंडाजोल की गोली पेट के कीड़ा से रोकथाम कर बच्चों को इन समस्याओं से सुरक्षित रखती है  इसी उदेश्य के साथ जिले में 04 से 13 अक्टूबर तक ‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान’ चलाया जाएगा  इसमें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर- घर जाकर एक से 19 साल तक बालक-बालिकाओं को पेट के कीड़े निकालने वाली ‘एल्बेंडाजोल की गोली’ खिलाएंगी 


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरएस केसरी ने बताया कि बच्चों में खून की कमी का एक मुख्य कारण कृमि (पेट के कीड़े) होते हैं, जिस कारण बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में कमी आ जाती है  गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे- दस्त, जी मिचलना, उल्टी, हल्का पेट दर्द, कमजोरी, वजन कम होना, रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना और पढ़ाई में मन ना लगना | पेट में कीड़े होने के कारण ही बच्चे जल्दी बीमार होते हैं | इसलिए माता-पिता अपने बच्चों को ‘एल्बेंडाजोल की गोली’ अवश्य खिलाएं उन्होंने जिलेवासियों से अपील किया कि एएनएम, आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा दी जाने वाली एल्बेंडाजोल की गोली अपने बच्चों को अवश्य खिलाएं ताकि भारत की भावी पीढ़ी को एनीमिया मुक्त बनाया जा सके 


एसीएमओ डॉ एपी सिंह ने बताया कि एल्बेंडाजोल गोली दोपहर भोजन करने के बाद खिलाई जाएगी  अगर बच्चा बीमार है, तो उसे दवाई नहीं खिलाई जाएगी  कुछ बच्चे जिनके पेट में कीड़े की मात्रा अधिक होती है, उन्हें दवा खाने के बाद जी मिचलाना, सिर दर्द, उल्टी, दस्त होना व थकान की शिकायत हो सकती है ऐसे लक्षण दिखना सामान्य बात है  कुछ समय बाद अपने आप यह ठीक हो जाते हैं इससे घबराने की जरूरत नहीं है यह गोली पूर्णत सुरक्षित व प्रभावशाली है  उन्होंने बताया कि पेट के कीड़े से बचाव के लिए कुछ भी खाने से पहले और शौंच के बाद साबुन अवश्य धुलें | खुले स्थानों पर शौंच से परहेज करें  खाने को ढक कर रखें, नाखून छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पिएं और आसपास सफाई रखें 


ऐसे खानी है दवा 


एसीएमओ डॉ एपी सिंह ने दवा के खुराक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 1 से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली (पीसकर), 2 से 3 वर्ष के बच्चों को पूरी गोली (पीसकर), तथा 3 से 19 वर्ष के बच्चों एवं 20 से 24 वर्ष की विवाहित महिलाओं को पूरी गोली चबाकर खानी है वहीं जिला समन्वयक रंजीत सिंह ने बताया कि यह अभियान गोंडा अर्बन व समस्त 16 ब्लॉकों में चलाया जाएगा | इसमें एक से 19 साल तक के कुल 16 लाख 44 हजार 51 बालक-बालिकाओं को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है |


No comments