ईद मिलादुन्नबी ईदों की ईद है - मौलाना अहमद - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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ईद मिलादुन्नबी ईदों की ईद है - मौलाना अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।


महफिल-ए-मिलादुन्नबी पर बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद ने कहा कि सारी दुनिया गैब दां आखिरी पैग़ंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदके व तुफैल बनाई गई। जब हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की तखलीक हुई तो हर जुमा ईद हो गई। तो जो हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के भी रसूल हैं, उनकी यौमे पैदाइश पर तो पूरे साल खुशियां मनानी चाहिए। ईद मिलादुन्नबी (पैग़ंबर-ए-आज़म की पैदाइश का दिन) न होती तो ईद-उल-फित्र व ईद-उल-अज़हा की खुशियां भी न मिलती। ईद मिलादुन्नबी ईदों की ईद है।

उन्होंने कहा कि मुसलमान हर किस्म की बुराइयों को छोड़ कर अल्लाह व पैग़ंबर-ए-आज़म के बताए रास्ते पर अमल करें। निकाह वगैरा में फिजूलखर्ची अल्लाह व पैग़ंबर-ए-आज़म को पसंद नहीं है इसलिए निकाह को पैगंबर-ए-आज़म की सुन्नत के मुताबिक अमल में लाएं। मां की गोद बच्चे की पहली दर्सगाह होती है इसलिए निकाह दीनदारी देखकर की जाए। तालीम के बगैर कोई भी कौम तरक्की नहीं कर सकती है। मुसलमानों को चाहिए कि बच्चों को तालीम जरूर दिलवाएं। दुनियावी तालीम के साथ ही दीनी तालीम हासिल करने पर ज्यादा जोर दिया जाए।अं


त में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। महफिल में अली गज़नफर शाह अज़हरी, सैयद रफीक हसन, मो. ज़ैद, मो. फैज़, मो. आसिफ, मो. अरशद, मो. तैयब, तौसीफ खान, मो. लवी, अली कुरैशी, मो. रफीज, सैयद मारूफ आदि शामिल हुए।


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