नहीं रहे समाजवादी पुरोधा आदरणीय राम नारायण यादव "दादा" जी
सन्त कबीर नगर दादा जी पार्टी और विचारधार के प्रति समर्पित एक अनुशासन और समयबद्धता में अपने आप को समाज और पार्टी सेवा में समर्पित कर दिया,दादा जी का सानिध्य हमे विशेष रूप से प्राप्त था,सपा के शासन काल में दादा जी जिलाध्यक्ष थे और मैं उनका जिलाकोषध्यक्ष था,,दादा जी अपने पूर्ववर्ती कार्यकाल में मुझे जिले कमेटी में जिला सचिव बनकर आगे बढ़ाने का कार्य किया था,दादा जी के मनोवृति के अनुसार हमेशा मै ईमानदारी और अनुशासन में रहकर पार्टी और समाजसेवा का कार्य करता रहा,बहुत बार दादा जी के उत्साहवर्धन और कई बार गलती होने पर उनकी डॉट भी मिला है,दादा जी जब भी मुख्यमंत्री,डीजीपी, मंत्रीगणों या अन्य प्रभावी लोगों से मिलने जाते तो हमें साथ जरूर ले जाते थे और सम्मान सहित परिचय कराते रहते थे, कई चुनावों में मुझे वो प्रभारी या अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिया करते थे, दादा जी मां मुलायम सिंह यादव और अखिलेश जी के बहुत निकट थे पार्टी हित में दादा जी गोपनीय रिपोर्ट और जिले की वस्तुस्थिति के बारे में उन्हें अवगत करते रहते थे जिससे जिले के कुछ नेताओं के निशाने पर भी रहते थे लेकिन दादा जी कभी अपनी परवाह किए बिना पार्टी हित में कार्य करते रहते थे,
दादा जी अपने कार्यकाल में अच्छे और ईमानदार लोगों की मदद करने की वजह से कुछ पार्टी के नेताओं के आलोचना का सामना भी करते लेकिन कभी किसी के दबाव में नहीं आएं और निष्पक्ष भाव से लोगों की मदद करते रहते थे,दादा जी पार्टी के प्रति बहुत चिंतित रहते थे और उनकी पूर्ण कोशिश रहती की वो अपना सर्वश्रेष्ठ पार्टी को दें,दादा जी का मन बच्चों जैसा था हंसी मजाक भी वो सबसे कर लिया करते थे और सबके सुख दुख में सम्मिलित होते थे,काफी उम्र होने का बाद भी दादा जी अनुशासन और समयबद्धता के धनी थे,कई बार मैने देख वो कभी अधिकारियों के दबाव में नहीं आते और कार्यकर्ताओं के हित में अधिकारियों को डांटे थे नहीं मानने पर उन्हें दंडित भी कराते थे, इधर कुछ दिनों से दादा जी का स्वास्थ्य खराब चल रहा था परिवार के लोग पूर्ण समर्पित भाव से दादा जी का सेवा और ईलाज करा रहे थे,हमे भी उनके सेवा का अवसर प्राप्त हुआ करता था दादा जी स्वास्थ्य से संबंधित प्रत्येक बिंदु पर हमें फोन करते या गोरखपुर, लखनऊ या मेरे हॉस्पिटल पर मुझे भी साथ लेकर जाते रहते थे,मै जब भी कुछ समय बीतता तो दादा जी के घर उनसे मिलने जरूर जाता था कुछ ही दिन पूर्व मैं दादा जी से मिलने गया था दादा जी से बोला जल्द स्वस्थ हो जाएंगे दादा जी ने आशीर्वाद देते हुवे हमसे बोले आते रहिएगा अच्छा लगता है,,लेकिन दादा जी का स्वास्थ देखकर लग रहा था अब दादा जी का सानिध्य हम लोगों को बहुत दिन नहीं मिलेगा,
दादा जी का जाना समाजवादी विचारों के एक युग का अंत है जो अपूरणीय क्षति भी है
दादा जी के श्रद्धांजलि हेतु मेरे पास शब्द नहीं,,दादा जी आप के बताए रास्ते पर आजीवन चलने का प्रयास करूं,,
दादा जी आप को अश्रुपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि,,,, प्रदीप सिसोदिया
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