बखिरा झील/पक्षी बिहार के आसपास इको सेंसेटिव जोन में कृषि योग्य भूमि को एफ0पी0ओ0 के साथ मिलकर एग्रो टूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए एग्रीकल्चर, फूड प्रोसेसिंग एवं टूरिज्म को एक प्लेटफार्म पर लाने की बनायी जाए योजना-डीएम
संत कबीर नगर जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में कृषि, पशुपालन, उद्यान, सहकारिता, मत्स्य एवं दुग्ध विकास विभाग द्वारा संचालित विकासपरक/लाभार्थीपरक योजनाओं में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति, गुणवत्ता एवं कार्य योजना से सम्बंधित समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी संत कुमार उपस्थित रहे। कृषि विभाग के कार्याे/योजनाओं की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा मा0 मुख्यमंत्री डैसबोर्ड पर प्रदर्शित आकड़ों के सापेक्ष एवं जनपद में विभाग द्वारा संचालित येाजनाओं में प्रगति की समीक्षा की गयी।समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, भूलेख अंकन में लाभार्थियों की ई-केवाईसी किये जाने की प्रगति अपेक्षाकृत धीमी पाये जाने पर गॉव में जाकर लाभार्थियों से सम्पर्क बनाते हुए ई-केवाईसी पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये। बैठक में उप कृषि निदेशक द्वारा बखिरा झील एवं पक्षी बिहार के आसपास की भूमि पर एग्रो टूरिज्म विकसित किये जाने के दृष्टिगत कृषि विभाग द्वारा कराये जा रहे कार्यो से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। उप कृषि निदेशक ने बताया कि बखिरा एग्रीकल्चरल डेवलपमेन्ट प्लान के तहत एफ0पी0ओ0 के माध्यम से जैविक खेती, मिलेट्स/श्रीअन्न की खेती, जैविक उर्वरक पर आधारित सरसों की खेती आदि किये जाने की योजना है। जिस पर जिलाधिकारी द्वारा बखिरा झील एवं पक्षी बिहार के आसपास की कृषि योग्य भूमि को एफ0पी0ओ0/स्थानीय किसानों के साथ मिलकर एग्रो-टूरिज्म क्षेत्र के रूप में विकसित किये जाने की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए उप निदेशक कृषि को मार्गदर्शन दिया गया कि बखिरा झील के आसपास/इको सेंसेटिव जोन में एफ0पी0ओ0 के साथ मिलकर भूमि चिन्हित करते हुए जैविक खेती/प्राकृतिक खेती करने की इस प्रकार से योजना/नक्शा तैयार किया जाए जिसमें एग्रीकल्चर, फूड प्रोसेसिंग यूनिट एवं टूरिज्म को एक प्लेटफार्म पर लाते हुए एग्रो-टूरिज्म के रूप में विकसित किया जा सके।
कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा जनपद में आधुनिक खेती/उन्नत कृषि यंत्रों के माध्यम से कराई जा रही फसल का प्रदर्शन, बीज उत्पादन सहित विभाग द्वारा संचालित अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निदेश दिये गये।
पशुपालन विभाग के कार्यो एवं योजनाओं की समीक्षा के दौरान जनपद में गोवंश संरक्षण अभियान की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने जनपद के कुछ क्षेत्रों में गोवशों को संरक्षित कये जाने के प्रति संवेदनशीलता के अभाव पाये जाने पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि स्थानीय चिकित्सकों सहित संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के माध्यम से गो-आश्रय स्थलों पर संरक्षित गोवंशों के स्वास्थ्य, हरा चारा, ठण्ड से बचाव की व्यवस्था आदि की नियमित जानकारी लेते रहे तथा स्वंय भी अनिवार्य रूप से गो-आश्रय स्थलों का निरीक्षण कर रिर्पोट से अवगत करायें। बैठक में सीबीओ द्वारा बताया गया कि हैंसर बाजार में कान्हा गोशाला का निर्माण कार्य कराया जाना है जिसके लिए भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है तथा वृहद गो-संरक्षण केन्द्र भगौसा में गो-संरक्षण का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना में 820 के सापेक्ष 807 गोवंशों को सुपुर्द करा दिये जाने की सूचना से अवगत होते हुए जिलाधिकारी ने शेष को यथाशीघ्र इच्छुक पशुपालकों को सुपुर्द कराने के निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान जनपद में अण्डा उत्पादन, पशुओं का टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान सहित पशु पालन विभाग द्वारा संचालित अन्य कार्यो/योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी।
मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा जनपद में मछुआ दुर्घटना बीमा योजना अन्तर्गत शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिये गये।
इसी क्रम में जिलाधिकारी द्वारा दुग्ध विभाग की समीक्षा करते हुए जिला योजना एवं नंद बाबा मिशन दुग्ध समितियां के गठन/पुनर्गठन सत प्रतिशत पूर्ति कर ली गई मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालन योजना प्राप्त आवेदन पत्रों की सत्यापन की कार्रवाई किये जाने का निर्देश दिया गया।
इसी क्रम में जिलाधिकारी द्वारा सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया गया कि समस्त किसानों को समस्त प्रकार के उर्वरक गुणवत्तायुक्त मिले, उर्वरक निर्धारित मूल्य पर बिक्री की जाए एवं किसानों को पीओएस मशीन से कटी रसीद दी जाए। जिन बिक्री केदो के द्वारा उर्वरक के निर्धारित मूल्य से अधिक धनराशि ली जाए, तो उनके विरुद्ध उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत प्राथमिक की दर्ज कराई जाए साथ ही सुनिश्चित किया जाए कि कृषक को उनको भूमि की जोत एवं बोई गई फसल के अनुपात में उर्वरक की बिक्री की जाए, किसी भी किसान को जरूरत से अधिक मात्रा में उर्वरक की बिक्री न की जाए। जिनके द्वारा उर्वरक बिक्री बिना उर्वरक प्राधिकार पत्र के किया जाए, तो ऐसे विक्रेताओं के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जाए। जनपद में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है जिसकी सुचारू रूप से वितरण कराया जाय जिलाधिकारी द्वारा उद्यान विभाग के क्रियाकलापों एवं योजनाओं की समीक्षा की गयी। जिला उद्यान अधिकारी द्वारा बताया गया कि पिछली बैठक के दौरान दिए गए सभी निर्देशों का अनुपालन कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि धनघटा में कृषि विज्ञान केन्द्र बगही के पास हाईटेक नर्सरी बनाई गयी है, जिसे और उन्न एवं आधुनिक बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। बैठक में एकीकृत बागवानी विकास मिशन सहित उद्यान विभाग द्वारा संचालित अन्य योजनाओं की अद्यतन स्थिति एवं प्रगति की समीक्षा की गयी।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी सुरेश चन्द्र केसरवानी, डीसी0 एल0आर0एल0एम0 जीशान रिजवी, डीसी मनरेगा प्रभात द्विवेदी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 यशपाल सिंह, उप कृषि निदेशक डा0 राकेश सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी सीपी सिंह, जिला उद्यान अधिकारी समुद्र गुप्त मल्ल, जिला कृषि अधिकारी पी0सी0 विश्वकर्मा, एआर कॉपरेटिव हरि प्रसाद, वरिष्ठ दुग्ध निरीक्षक बी0के0 गुप्ता, सूचना अधिकारी सुरेश कुमार सरोज सहित सम्बंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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