उत्तर प्रदेश सूचना आयोग लखनऊ पर लगे भ्रष्टाचार एवं रिसवत खोरी के आरोप - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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उत्तर प्रदेश सूचना आयोग लखनऊ पर लगे भ्रष्टाचार एवं रिसवत खोरी के आरोप

 


लखनऊ। संभ्रांत व्यक्तियों एवं अपीलकर्ता और अधिवक्ताओं ने दिया 

महामहिम राज्यपाल महोदय उत्तर प्रदेश शासन राजभवन लखनऊ, उत्तर प्रदेश

द्वारा

सक्षम अधिकारी उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को ज्ञापन

ज्ञापन में आरोप लगाते हुए रखी कुछ प्रमुख मांगे

उत्तर प्रदेश सूचना आयोग लखनऊ के आयुक्त गणों एवं उनके स्टेनों, पेशकार सहित समस्त कर्मचारियों ने सूचना आयोग को रिश्वतखोरी एवं भ्रष्टाचार का अड्डा बनाकर रख दिया है। जिसके निवारण के लिए हम सभी सत्याग्रहियों की निम्न लिखित भांगे है। जिसको 30 दिनों के अन्दर अविलम्ब पूर्ण कराने का कष्ट करें, अन्यथा की स्थिति में हम सभी सत्याग्रही पुन: 30 दिनों के बाद सत्याग्रह करने के लिए बाध्य होगे। 

1- दिनांक - 17/08/2023 को माननीय उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सहित तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा याचिका संख्या - 990/2023 में दिये गये धारा-04 के अनुदेशों का अनुपालन करने के आदेश का पूर्णतया अनुपालन सुनिश्चित कराया जायें।

2. माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा याचिका संख्या 99/2015 में पारित किये गये आदेश के अनुपालन में आयोग के सभी सुनवाई माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा याचिका संख्या 99/2015 में पारित किये गये आदेश के अनुपालन में आयोग के सभी सुनवाई कक्षों की सुनवाई सी० सी० टी० वी० कैमरे की निगरानी 6 में करवाई जानी सुनिश्चित की जायें।

3. सूचना आयुक्तो की सूचना का अधिकार अधिनियम को के विशेषज्ञों से ट्रेनिंग कराई जाये एवम धारा-17 के अन्तर्गत आयुक्तों की कंट्रोलिंग सुनिश्चित की जायें। जिससे ये विधि सम्मत निर्णय कर सकें। 

4- सूचना आयुक्तो द्वारा सुनवाई स्थगित किये जाने की सूचना एक सप्ताह पूर्व आयोग की वेबसाइट पर प्रदर्शित कर दी जाये, जिससे दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों से आने वाले आवेदको का समय, धन, शक्ति व सामर्थ्य का क्ष्य होने से रोका जा सकें।

5- आयोग में आवेदको द्वारा प्रस्तुत अपीलों व शिकायतों का 45 दिनों के अन्दर निस्तारण सुनिश्चित कराया जायें, जिससे आवेदको को समय से सूचनायें प्राप्त हो सकें। आवेदकों द्वारा सूचना आयोग की प्रस्तुत अपीलो एवं शिकायतो

6- आवेदको द्वारा सूचना आयोग की प्रस्तुत अपीलों एवं शिकायतों में पैरवी के लिए व्यप धन के अनुपात धारा- 19(ख) के अनुपालन में क्षतिपूर्ति प्रदान करवाई जाय ।

7- उत्तर प्रदेश के सभी आयुक्तो उनके स्टोनों पेशकार की यथा अत सम्पत्ति की जांच सर्तकता विचार से कराई जाय जिससे इनकी अवैध सम्पत्ति का खुलासा हो सके।

8 उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के निर्धारित परिसर से बाहर जा कर आयोग द्वारा किसी भी प्रकार की प्रक्रिया का संचालन करने से पूर्णरूप से प्रतिवन्ध लगाया लगाया जाए एवं धारा-15 (7) का पूर्णतया अनुपालन सख्ती के साथ सुनिश्चित कराया जाए।

9. सूचना आयोग में कुछ ऐसे आयुक्त है जिनका सुनवाई कक्ष में सुनवाई के लिए बैठने व उठने का कोई समप निक्षित नहीं है, जिससे आवेदको को असुविधा होती है। इस कारण से सूचना आयुक्त व उनके स्टाफ द्वारा समस्त कार्य दिवसों पर सुनवाई कक्ष में सुनवाई के लिए बैठने व उठने का समय सुनिश्चित करते हुए। आए व्यक्तियों को बोर्ड लगाकर प्रदर्शित किया जाय।

10- आयोग में लगे सी.सी.टी.वी कैमरे की फुटेज को प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में आम नागरिकों के लिए सार्वजनिक किया जाए।

11- सूचना आयुक्तो द्वारा जन सूचनाधिकारियों से दंड। माफी का प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए जुर्माना माफ किए जाने की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। 

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