आगनबाडी केन्द्रों द्वारा 03 से 06 वर्ष के बच्चों को दी जाने वाली शालापूर्व शिक्षा को और अधिक जनसुलभ, रूचिकर एवं गुणात्मक बनाने के उददेश्य
संत कबीर नगर आगनबाडी केन्द्रों द्वारा 03 से 06 वर्ष के बच्चों को दी जाने वाली शालापूर्व शिक्षा को और अधिक जनसुलभ, रूचिकर एवं गुणात्मक बनाने के उददेश्य से निदेशालय द्वारा पढाई पाठशाला का आयोजन किया गया। जिसमें ‘‘पोषण भी पढाई भी’’ की थीम को शालपूर्व शिक्षा का केन्द्र बिन्दु बताया गया। इस आयोजन को बेवकास्ट के माध्यम से पूरे प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को दिखाया गया। पढाई पाठशाला में आंगनवाडी कार्यकत्रियों को बताया एवं सिखाया गया कि बच्चों के जीवन में शालापूर्व शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। यह शारीरिक एवं मानसिक विकास का प्रारम्भिक बिन्दु है। इस कारण आगनबाडी केन्द्रों को चाहिए कि आस-पास के शिक्षण अधिगम सामग्री का सहयोग लेकर के बच्चों से इस प्रकार शारीरिक क्रियाएं कराऐं कि बच्चों में संज्ञानात्मक विकास के साथ साथ भावनात्मक और सामाजिक विकास की आधारशिला रखी जा सके। इसमें इस बात पर बल दिया गया कि शारीरिक क्रियाओं के माध्यम से बच्चों को स्वस्थ बनाते हुए उन्हें मानसिक विकास के तरफ अग्रसर किया जा सके जिससे स्वस्थ, समृद्ध, सुसंस्कृत और प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण में आंगनबाडी केन्द्रों की महत्ता को और अधिक बढ़ाया जा सके।इस अवसर पर एन.आई.सी. में जिला कार्यक्रम अधिकारी विजयश्री, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी सहित आगनबाडी कार्यकत्री उपस्थित रही।
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