रमज़ान की क़द्र और इसका एहतराम करें ,बिना भेदभाव ग़रीबों, अनाथों, विधवाओं और मानवता की सेवा करें - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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रमज़ान की क़द्र और इसका एहतराम करें ,बिना भेदभाव ग़रीबों, अनाथों, विधवाओं और मानवता की सेवा करें

 अल-शरिया हेल्प लाइन जारी करते हुए कुल हिन्द इस्लामिक इल्मी अकादमी के मुफ्तियों की अवाम से अपील



कानपुर :- कुल हिन्द इस्लामिक इल्मी अकादमी के अध्यक्ष मुफ्ती इक़बाल अहमद क़ासमी, महासचिव मौलाना खलील अहमद मज़ाहिरी, उपाध्यक्ष मुफ्ती अब्दुर्रशीद क़ासमी, मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी व पदाधिकारियों ने लोगों के नमाज़, रोज़ा, तरावीह, ज़कात, फित्रा, हज व कुर्बानी में दीनी मालूमान और इस्लामी रहनुमाई के लिए रमज़ान हेल्प लाइन बनाम अल-शरिया हेल्प लाइन जारी करते हुए समस्त मुसलमानों विशेषकर कानपुरवासियों से अपील करते हुए फरमाया कि रमज़ान मुबारक की आमद आमद है। अल्लाह हर साल यह मुबारक महीना (माहे रमज़ान) मुसलमानों को अता फरमाते हैं जिसमें अल्लाह पाक खास रहमतें व बरकतें नाज़िल होती हैं। बन्दों की दुआयें विशेष रूप से कुबूल की जाती हैं और नेक कामों का दर्जा बढ़ा दिया जाता है,  इसलिए अगर कुछ दिनों में कलाम पाक सुनने सुनाने की ज़रूरत हो तो हिम्मत से सारे मुक्तदियों को कलाम पाक पहले से आखिर तक नमाज़ में ध्यान लगाकर सुनना चाहिए और हाफिज़ों को जल्दी के फिराक़ में सेहत व व तजवीद से लापरवाही बरतनी चाहिए। इस अवसर पर हाफिज़ों से यह भी गुज़ारिश है कि अल्लाह की सबसे आखि़री किताव और नबी करीम अलैहिस्सलाम का अज़ीम मोजिज़ा आपके सीने में मौजूद है इसकी क़द्र करें हाफिज़ों को यह ज़ेब नहीं देता कि नबी अलैहिस्सलाम की अज़ीम सुन्नत दाढ़ी और शरई लिबास को छोड़कर तरावीह की इमामत के मनसब के सम्भालें।

फुकहा किराम ने दाढ़ी मुण्डाने वाले हाफिज़ के पीछे कुरआन को सुनने को मकरूह लिखा है लिहाज़ा इस सुन्नत को छोड़ने से तौबा कीजिए और अल्लाह व उसके रसूल की खुशनूदी की फिक्र कीजिए।

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