कानपुर देहात में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में जिंदा जली मां बेटी के परिजनों से मिल ऑपरेशन विजय प्रमुख ने दिलाया न्याय का भरोसा
कानपुर देहात में ब्राह्मण परिवार की जिंदा जलाई गई मां बेटी के परिजनों को हर हालत में दिलाएंगे न्याय- शिवमंगल सिंह
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में दिल दहला देने वाली हुई घटना जिसमें एक गरीब ब्राह्मण कृष्ण गोपाल दीक्षित की लगभग 21 वर्षीय बेटी नेहा दीक्षित एवं 55 वर्षीय पत्नी प्रमिला दीक्षित को पुलिस प्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई में अवरोध उत्पन्न करने के कारण जिंदा जलवा दिया व जिंदा जलती मां बेटी को छोड़ मौके पर मौजूद उप जिलाधिकारी एवं भारी संख्या में पुलिस प्रशासन मौके से कायरता दिखाते हुए भाग गए व बुलडोजर कार्रवाई के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को रोके जाने से ग्रामीण भी जलती हुई मां बेटी को बचाने घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाए।
उपरोक्त जानकारी देते हुए गैर राजनीतिक, देशव्यापी देश के कई महामहिमों द्वारा सराहनीय व 2011 से समाज को बुराइयों से मुक्त बनाने हेतु संघर्षरत ऑपरेशन विजय बुराइयों के खिलाफ जंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवमंगल सिंह ने बताया कि वह जब पीड़ित परिवार से मिलने एवं घटनास्थल पर जली पड़ी मां बेटी को देखने अपने सैकड़ों साथियों के साथ निकले तो उन्हें घटनास्थल से करीब 7 किलोमीटर दूर कानपुर देहात के एडिशनल एसपी के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस फोर्स ने रोकने का भरकर प्रयास किया परंतु पीड़ित परिवार से मिलने एवं घटनास्थल पर जली पड़ी मां बेटी को देखने की जिद पर पढ़कर जब पुलिस प्रशासन को भारतीय संविधान का पाठ पढ़ाया तो उन्होंने उनके साथियों को रोककर उन्हें दो गाड़ियों से आगे जाने दिया। जहां उन्होंने पहुंचकर इंसानियत व मानवता को कलंकित करने वाली व समाज का दिल दहला देने वाली घटनास्थल पर पड़ी मां बेटी को देखने के साथ-साथ रो-रो कर बेहाल हो रहे पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें हर संभव न्याय दिलाने का भरोसा दिया घटनास्थल पर उपस्थित भारी संख्या में मीडिया बंधुओं के प्रश्नों का उत्तर देते हुए, ऑपरेशन विजय प्रमुख शिवमंगल सिंह आईपी ने कहा की उत्तर प्रदेश सरकार की बुलडोजर नीति एवं पुलिस प्रशासन को सरकार द्वारा दी गई खुली छूट के कारण ही जिंदा मां बेटी को जलाने जैसी दिल दहला देने वाली घटनाएं कानपुर देहात एवं अन्य जगहों पर लगातार हो रही हैं, जिसे अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवार की मांगों को सरकार द्वारा ना मानने तक मां बेटी के जले शवों को ना उठने देने की पुलिस प्रशासन एवं सरकार को चेतावनी देने के साथ-साथ मां बेटी को जिंदा जलाने में दर्ज हुई एफ आई आर में शामिल पुलिस एवं प्रशासनिक हत्यारों की बर्खास्तगी एवं उन्हें तत्काल जेल भेजने व पीड़ित परिवार को दो करोड़ का मुआवजा व बच्चों को सरकारी नौकरी देने की मांग रखी, जिस पर घटनास्थल पर मौजूद कानपुर मंडल के कमिश्नर एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी लगातार परिजनों व सरकार के मुख्य लोगों से मांगो वा जले पड़े शवों के अंतिम संस्कार संबंधी बातचीत करते रहे, जो आखिर में शाम को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक द्वारा पीड़ित परिजनों को उनकी मांगों का आश्वासन देने पर मां बेटी के जले शवों को पोस्टमार्टम हेतु पुलिस को उठाने दिए गए।
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