ख्वाजा ग़रीब नवाज़ (6 रजब) के मौके पर सरकारी छुट्टी का ऐलान करे जिस तरह दुसरे धर्म के रहनुमाओं के नाम पर छुट्टी होती है: मौलाना हाशिम अशरफी - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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ख्वाजा ग़रीब नवाज़ (6 रजब) के मौके पर सरकारी छुट्टी का ऐलान करे जिस तरह दुसरे धर्म के रहनुमाओं के नाम पर छुट्टी होती है: मौलाना हाशिम अशरफी

 


कानपुर ,आल इंडिया ग़रीब नवाज़ कॉन्सिल केंद्र सरकार से मांग करती है कि उसे ख्वाजा ग़रीब नवाज़ (6 रजब) के मौके पर सरकारी छुट्टी का ऐलान करे जिस तरह दुसरे धर्म के रहनुमाओं के नाम पर छुट्टी होती है ख्वाजा ग़रीब नवाज़ का आस्ताना हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी की अकीदत का मरकज़ है जहाँ पर हर मज़हब के मानने वाले पहुँचते हैं और फैज़याब होते हैं प्रेस कांफ्रेंस मैं शरीक उलमा,मस्जिद के इमाम ने अवाम से पुर और अपील करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि उसने खौफनाक रूप धारण कर लिया है जिसकी वजह से कानपुर उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों की जानों का खतरा पैदा हो गया है यहां तक जानवरों की जिंदगी भी इससे प्रभावित हो रही है। प्रदूषण की वजह से पानी और हवा जहरीला हो गया है। आल इंडिया गरीब नवाज़ कॉसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी इमाम ईदगाह गद्दियाना ने उसे गरीब नवाज़ की आमद के मौके पर मुल्क में अमनो अमान भाई चारा मोहब्बत को फरोग देने की अपील करते हुए कहा की ये वक्त हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई में बटने का नहीं बल्कि दुश्मन ताकतों को नाकाम बनाने और मुल्क से नफरतों को मिटा कर भाई चारा और मोहब्बत कायम करने का है अजमेर के उर्स में सभी धर्मों के लोग अपनी अकीदत के फूल पेश करते हैं ये मुल्क की खूबसूरती है की यहाँ हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई सभी धर्मों के लोग आपस में मिल जुल कर मोहब्बत से रहते हैं आईये हम सब मिल कर इस मुल्क की खूबसूरती की हिफाजत करें कॉन्सिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया 6 रजब उसे गरीब नवाज़ की छुट्टी की तहरीक 18 सालों से चल रही है इसी तहरीक को तेजतर करने के लिए इस साल भी 18 वा ग़रीब नवाज़ हफ्ता मनाया जाएगा जिसकी शुरुआत 20 जनवरी को अजमेर शरीफ चादर रवाना करके हो चुकी है वाजेह रहे की गरीब नवाज़ हफ्ते के तहत समाज में फैली हुई बुराइयों के खिलाफ तहरीक चलाई जाएगी मरीजों को फल वितरण पानी की सबील और लंगर ए आम समेत मुन्दरिजा जैल मकामात पर रात और दिन में पचीसो प्रोग्राम और हज़रत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की तालीम, सब तकवा, तबलीग़, पैगामै मसावात, मोहब्बत को आम किया जायेगा | इस मौके पर खास तौर से मौजूद रहे (मौलाना) मो. हाशिम अशराफी कौमी सदर, मौलाना महताब आलम कादरी, मुफ़्ती हनीफ बरकाती, मुफ्ती सकीब अदीब, मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी, मौलाना मोइनुल कादरी, कारी मो. अली अशरफी, मौलाना फैसल अलीमी, मौलाना जाहिर अहमद,मुख्तार खान वारसी, कारी नौशाद अजहरी हाफिज मिन्हाजुद्दीन कादरी, हाफिज़ बहारुद्दीन अशरफी, अकील हसन उर्फ़ बव्वन, शमशाद गाजी, शकील अहमद, सयद अतहर अली, हाफिज अजीजुल्लाह बरकाती, मो. वासिफ अशरफी, हाशिम अली रिज़वी, हाफिज मो. रिज़वान आदि लोग मौजूद रहे!



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