गोपाष्टमी पर गाय की पूजा करके समृद्धि की प्रार्थना
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मंगलवार को गोपाष्टमी पर्व मनाया जाएगा। सौभाग्य वृद्धि हेतु गौ माता की पूजा हुई। गो-माता को तिलक लगाकर पूजा की और समाज के सुख-समृद्धि की कामना हुई। गाय को चारा खिलाकर गोपालन, गौ सेवा, गौ संरक्षण का संकल्प दिलाया गया। गोशाला में भी गायों को हरा चारा, फल, सब्जिया, गुड, दलिया आदि खिलाया गया।
शहर के प्रेमचंद्र नगर के यादव टोला में पूजन हुआ। गायों को हरा चारा, सब्जियां, गुड़, दलिया आदि खिलाया। पूजनोत्सव महोत्सव समिति के संयोजक राजकुमार शर्मा ने पत्नी रंजना के साथ पूजन किया। फूलन के बाजू बंद फूलन की माला गवौ चराएं घर आए नंदलाल भजन से अराधना हुई। भारतीय संस्कृति में गाय का माता का दर्जा दिया गया है। गाय का दूध, घी, दही, छांछ के साथ यहां तक की गो मूत्र मानव के लिए लाभदायक है। इसलिए गाय की सुरक्षा एवं पालन करना चाहिए। द्वापर युग में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने गो माता की सेवा की थी। भगवान श्रीकृष्ण ने आज से ही गायों को चराना आरंभ किया था। जगन्नाथपुर दुर्गा मंदिर में स्वामी डा. विनय ने कहा कि गौ माता के शरीर में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, उनकी पूजा और सेवा करने से सभी देवी-देवताओं की पूजा स्वत: ही हो जाती है। आदर्श भारतीय गो सेवा संघ
के तत्वावधान में पूजन हुआ। अखिलेश्वरधर द्धिवेदी ने कहा कि गाय की सेवा करने वाले का जीवन धन-धान्य और खुशियों से भर जाता हैं। इस मौके परराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर कार्यवाहर शैलेंद्र गुप्ता, कुंज बिहारी मिश्रा, गोपाल बबूना, राजेश कुमार, रमाशंकर गुप्ता, विनोद कुमार आदि मौजूद रहे।
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