स्वास्थ्य रक्षा के लिए फार्मेसी एकजुट, सरकार उचित सम्मान और स्थान दिलाए - सुनील यादव - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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स्वास्थ्य रक्षा के लिए फार्मेसी एकजुट, सरकार उचित सम्मान और स्थान दिलाए - सुनील यादव

 


लखनऊ,प्रदेश का पूरा फार्मेसी समाज एकजुट होकर देश की स्वास्थ्य सुरक्षा में लग गया है, आवश्यकता है शासन और सरकार इस महत्वपूर्ण संवर्ग को उचित सम्मान और स्थान दे, जिससे फार्मेसी और विकसित हो सके, रोजगार के अवसर मिलें फार्मेसिस्ट दिवस की पूर्व संध्या पर आज फार्मेसिस्टों और आम जनता के नाम संदेश प्रसारित करते हुए स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व चेयरमैन और फार्मेसिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुनील यादव ने उपरोक्त बाते कही और प्रदेश के सभी फार्मेसिस्टो को शुभकामनाएं दीं । श्री यादव ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में औषधियों की विश्वसनीयता, गुणवत्ता एवं सही सलाह अनिवार्य है । फार्मेसिस्ट औषधियों का विशेषज्ञ होने के साथ ड्रग काउंसलर भी है, वर्तमान परिदृश्य में औषधियों की खोज के बाद , सही भंडारण, सही वितरण और सही सलाह (सही कॉउंसिलिंग) से मानव जीवन को बचाया जा सकता है 

अनुसंधान संस्थानों में वैज्ञानिक, ड्रग एनालिस्ट,फूड एंड ड्रग विभाग में ड्रग कंट्रोलर औषधि आयुक्त, सहायक औषधि आयुक्त, ड्रग इंस्पेक्टर, ड्रग लाइसेंसिंग ऑफिसर, शिक्षण संस्थानों के निदेशक प्रोफेसर, लैब फार्मेसिस्ट, हॉस्पिटल फार्मेसिस्ट, मेडिकल स्टोर फार्मेसिस्ट, क्लिनिकल फार्मेसिस्ट, इंडस्ट्री में मैन्युफैक्चरिंग फार्मेसिस्ट, मार्केटिंग फार्मेसिस्ट, छात्र फार्मेसिस्ट अब देश के नागरिकों की स्वास्थ्य रक्षा के एकजुट हो रहे हैं, पूरा फार्मेसी जगत एकजुट होकर विश्व फार्मेसिस्ट दिवस 2022 को  'स्वस्थ दुनिया के लिए कार्रवाई में एकजुट फार्मेसी' थीम के साथ मनाएगा ज्ञातव्य है की इंटरनेशनल अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन द्वारा प्रतिवर्ष विषय का निर्धारण किया जाता है, जिसे पूरे विश्व में फार्मासिस्टों द्वारा मनाया जाता है श्री यादव ने कहा कि जहां औषधियां जीवन देती है, वहीं फार्मेसिस्ट औषधियों को जीवन देते है,उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण काल मे फार्मेसिस्टों ने 'मास्टर की' के रूप में अपने आप को प्रस्तुत किया । फेडरेशन का मानना है कि 

फार्मेसिस्टों ने बदलते ग्लोबल परिवेश में खुद को बदला है ।

कोविड काल में फार्मेसिस्ट मरीजों की ट्रेसिंग, और टेस्टिंग कर धनात्मक मरीजों की पहचान किया। सभी सर्वे टीम और टेस्टिंग टीम में फार्मेसिस्ट प्रमुख रूप से कार्य किया । इसके साथ ही सभी कोविड-चिकित्सालयों तथा नानकोविड-चिकित्सालयों में औषधियों की आपूर्ति तथा मरीजों को औषधि देना व उनकी काउंसलिंग करने में फार्मेसिस्ट की प्रमुख भूमिका रही है । वैश्विक बदलाव के दौर में फार्मेसिस्ट ने खुद को बहुउद्देश्यीय बनाते हुए बखूबी अपनी क्षमता, तकनीकी ज्ञान का प्रयोग जनहित में किया है । 

भारत वर्ष में लगभग कुल पंद्रह लाख डिप्लोमा, बैचलर, मास्टर, पीएचडी फार्मेसी के साथ फार्म डी की शिक्षा प्राप्त फार्मेसिस्ट हैं । उत्तर प्रदेश में सवा लाख फार्मेसिस्ट पंजीकृत हैं, जो समाज में अपनी सेवा दे रहे हैं।

 फार्मेसी चिकित्सा व्यवस्था की रीढ़ होती है , औषधि की खोज से लेकर , निर्माण, भंडारण करने, वितरित करने की पूरी व्यवस्था एक तकनीकी व्यवस्था है, जो फार्मेसिस्ट द्वारा ही की जाती है ।   चिकित्सालयों में अभी तक भर्ती मरीजों के लिए व्यवहारिक रूप से फार्मेसिस्ट के पद सृजित नही हो रहे । जबकि यह अत्यंत आवश्यक है

ओपीडी में भी मानकों का पूरा पालन नही हो रहा । फार्मास्यूटिकल लैब नाम मात्र के हैं, औषधियों के निर्माणशालाओं में भी फार्मेसी प्रोफेशनल के स्थान पर अप्रशिक्षित लोगो से काम लिया जाता है । ड्रग की रेगुलेटरी बॉडी बहुत कमजोर है, मानव संसाधन कम हैं । 

जिसे मजबूत करने की आवश्यकता है 

'फार्मेसी' लोगो के जिंदगी से जुड़ी है, इसलिए इसे मजबूत किया जाना आवश्यक है । 

फार्मेसिस्टों को क्रूड ड्रग का अध्ययन भी कराया जाता है, शरीर क्रिया विज्ञान, फार्माकोलॉजी, विष विज्ञान, ड्रग स्टोर मैनेजमेंट, माइक्रोबायोलॉजी सहित फार्मास्युटिक्स, फार्मक्यूटिकल केमिस्ट्री सहित विभिन्न विषयों का विस्तृत अध्ययन फार्मेसिस्ट को कराया जाता है। औषधि की खोज से लेकर, उसके निर्माण,भंडारण, प्रयोग , कुप्रभाव, दवा को ग्रहण करने, उसके पाचन, प्रभाव और उत्सर्जन (ADME) की पूरी जानकारी फार्मेसिस्ट को होती है , इसलिए औषधियों के विशेषज्ञ के रूप में आज फार्मेसिस्ट एकजुट होकर जनता को सेवा दे रहे है फेडरेशन ने आम जनता से अपील की है कि औषधि की जानकारी फार्मेसिस्ट से जरूर लें

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