हर हाल में रब का शुक्र अदा करो - सैय्यद मज़हर चिश्ती - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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हर हाल में रब का शुक्र अदा करो - सैय्यद मज़हर चिश्ती


 कानपुर, अपने रब का हर हाल में शुक्र अदा करो वो जिस हाल में रखे हर हाल में शुक्र अदा करते रहो अल्लाह शुक्र अदा करने वाले बन्दे को पसन्द फरमाता हैं Iये बात तिलक नगर स्थित पीरो वाली मस्जिद के मैदान बरकाती ग्राउंड में होने वाले 46 वां सालाना 10 रोज़ा प्रोग्राम में आस्ताना समदिया फफूँद शरीफ से तशरीफ लाये मौलाना सैय्यद मज़हर चिश्ती ने कही I प्रोग्राम का आगाज़ हाफिज़ फज़ले अज़ीम रहमानी ने कुरआन शरीफ की आयत पढ़ कर किया और संचालन तालिब बेग बरकाती ने किया I तिलावते कुरआन के बाद मिर्ज़ा अशरफ बेग बरकाती और अकरम अली कादरी ने नात व मनकबत पढ़ी जिसे सुनकर अकीदतमंदो ने सुब्हानअल्लाह की सदायें बुलंद की इसके बाद मौलाना मज़हर चिश्ती साहब ने तकरीर की और अल्लाह की वहदानियत ब्यान की I मज़हर चिश्ती ने कहा की अल्लाह अपने बंदो को 70 माँओ की ममता से ज़्यादा प्यार करता है वो अपने बंदो की परीक्षा लेने के लिए उन्हें मुसीबत में डालता है और बेशक मुसीबत दूर करने वाला अल्लाह ही है I इसके बाद कानपुर से तशरीफ लाये मौलाना मुश्ताक मुशाहिदी ने तकरीर की और इस्लाम के दूसरे खलीफा हज़रत उमर फारूक कि ज़िन्दगी पर रोशनी डाली और कहा हज़रत उमर मुहम्मद सल्ल. के अज़ीज़ चार सहाबा में से थे। वो हज़रत अबुबक्र सिद्दीक के बाद मुसलमानों के दूसरे ख़लीफ़ा चुने गये। मुहम्मद सल्ल. ने हज़रत उमर को फारूक नाम की उपाधि दी थी। जिसका मतलब सही और गलत में फर्क करने वाला है। मुहम्मद साहब के सहाबा में इनका नाम हज़रत अबूबक्र सिद्दीक के बाद आता है। हज़रत उमर ख़ुलफा-ए-राशीदीन में दूसरे ख़लीफा चुने गए। उमर ख़ुलफा-ए-राशीदीन में सबसे सफल ख़लीफा साबित हुए। मुसलमान इनको फारूक-ए-आज़म तथा अमीरुल मुमिनीन भी कहते हैं। इसके बाद सलातो सलाम व दुआ पर प्रोग्राम का इख्तेताम हुआ, रज़ा ए मुस्तफा कमेटी की जानिब से आये हुये सभी अकीदतमंदो को चाय पिलाई गई। मुख्य रूप से शारिक बेग, अब्दुल वहाब, कामरेड रज़्ज़ाक, आकिल बेग, आसिफ बेग , रईस अहमद, वामिक बेग, ज़िया आदि लोग मौजूद रहे!


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