ख्यातिलब्ध फ़िल्म अभिनेता राजपाल यादव को अमेरिकन यूनिवर्सिटी ने दिया डॉक्टरेट इन आर्ट की मानद उपाधि - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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ख्यातिलब्ध फ़िल्म अभिनेता राजपाल यादव को अमेरिकन यूनिवर्सिटी ने दिया डॉक्टरेट इन आर्ट की मानद उपाधि

 


भोपाल, उत्तर प्रदेश।इंटरनेशनल ओपन यूनिवर्सिटी अमेरिका द्वारा भोपाल में आयोजित दीक्षांत समारोह में बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता राजपाल यादव को 'डॉक्टरेट इन आर्ट' की मानद उपाधि से विभूषित किया गया।यह उपाधि इंटरनेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि डॉ. विजय डी बजाज संस्थापक वैक पीपुल कॉउन्सिल ,धराधाम इंटरनेशनल के प्रमुख ऑनरेरी प्रोफेसर सौहार्द शिरोमणि डॉ. सौरभ पाण्डेय , संजय मिश्रा स्थानीय संपादक नई दुनिया ,सेलिब्रिटी  गेस्ट  मिसेज इंडिया डॉ. पूजा निगम ,धरा गवर्नर डॉ. शम्भू पवार, डॉ. ज्योति बजाज  सहित यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों के गरिमामयी उपस्थिति में दिया गया।विदित हो को डॉक्टरेट इन आर्ट की मानद उपाधि  राजपाल यादव द्वारा तीन दशक से ऊपर देश-विदेश के लोगों के चेहरे पर अपने कला के माध्यम से मुस्कान लाने, ज्ञानवर्धन अभिनय प्रशिक्षण तथा मानव सेवा के लिए दिया गया है।उपाधि धराधाम इंटरनेशनल प्रमुख सौहार्द शिरोमणि ऑनरेरी प्रोफेसर डॉ. सौरभ पाण्डेय के प्रस्ताव पर दी गई।

 विदित हो कि राजपाल यादव हिन्दी फिल्मों के ख्यातिलब्ध तथा बहुआयामी व्यक्तित्व के ऐसे  अभिनेता हैं जो सिनेमा में अपने कॉमिक रोल्स के कारण जाने जाते हैं। साथ ही वे गंभीर अभिनय, सामाजिक, मानवीय संवेदना से परिपूर्ण समाज को नई दिशा देने वाले नायक के रूप में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात हैं। राजपाल का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निकट स्थित शाहजहांपुर में हुआ था। उनकी स्कूली पढ़ाई शाहजहांपुर से ही हुई थी। वे यहीं थियेटर से भी जुड़े। जहां कई नाटकों की प्रस्तुति की। इसके बाद 1992-94 के दौरान  लखनऊ के भारतेंदु नाट्य एकेडमी में थियेटर सम्बन्धी प्रशिक्षण के लिए आ गए। दो साल का कोर्स करने के बाद 1994-97 के दौरान वे दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा चले गए। वर्ष 1997 में वे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर बनाने के लिए मुंबई आ गए। राजपाल की शादी राधा यादव से हुई है। उन्होंने दूरदर्शन के धारावाहिक मुंगेरी के भाई नौरंगीलाल में अभिनय किया। यह दूरदर्शन पर  प्रसारित होने वाले सीरियल मुंगेरीलाल के हसीन सपने का ही सीक्वेल था। वे निगेटिव रोल्स करने में भी सफल हुए लेकिन बाद में कॉमेडी को ही ज्यादा तवज्जो दी, जैसा कि उन्होंने 'प्यार तूने क्या किया' में अभिनय किया। इसके बाद वे हिन्दी फिल्मों के प्रमुख हास्य कलाकार बन गए। हंगामा, रेस अंगेस्ट टाइम, चुप-चुप के, गरम मसाला, फिर हेराफेरी, ढोल जैसी फिल्मों में जबरदस्त अभिनय से दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी।

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